जिंदा रहने के लिए शरीर के सभी अंग जरूरी होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि शरीर के हर एक ऑर्गन की अपनी एक अलग भूमिका होती है. ऐसे में एक डॉक्टर ने दावा किया है कि शरीर के ऐसे 10 इंटरनल ऑर्गन हैं, जिसके बिना भी जीवन संभव है.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नॉर्थवेल के स्टेटन आइलैंड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के मिनिमल इनवेसिव सर्जन डॉ. इंद्रनील मुखर्जी ने दावा किया है कि जिंदा रहने के लिए सभी 78 अंगों की आवश्यकता नहीं होती.
एक महिला के शरीर से निकलने लिए गए थे 7 अंग
डॉ. इंद्रनील मुखर्जी ने बताया कि अगर किसी को मेरी इस बात पर विश्वास नहीं होता है तो लुईस अल्टेसे-इसिडोरी से पूछिए, जिनके सात अंग निकाल दिए गए थे. जब डॉक्टरों को पता चला कि उन्हें ओवेरियन कैंसर है, जो उनके पूरे शरीर में फैल गया है. अब उनका कैंसर ठीक हो गया है और वे लगभग सामान्य जीवन जी रही हैं.
मुखर्जी ने कहा कि मानव शरीर की अनुकूलन की अद्भुत क्षमता और आधुनिक चिकित्सा के कुशल हस्तक्षेप का प्रमाण है कि लोग 10 अंगों के बिना भी जीवित रह सकते हैं.
1. अपेंडिक्स
डॉ. मुखर्जी ने कहा कि शरीर का यह अंग किसी काम का नहीं होता है. वैज्ञानिकों अब तक पता नहीं कर पाएं हैं कि शरीर में इसका क्या काम होता है. लेकिन विकासवादी सिद्धांतों से पता चलता है कि जब मनुष्य मुख्य रूप से शाकाहारी थे, तब यह पौधों को पचाने में मदद करता था.
मुखर्जी ने बताया कि इसे सर्जरी के जरिए हटाने से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है. न ही मरीजों को किसी दवा की जरूरत नहीं पड़ती और वे अक्सर जल्दी ठीक हो जाते हैं.
2. पित्ताशय या गॉलब्लैडर
डॉ. मुखर्जी ने बताया कि इस छोटी सी थैली में पित्त संग्रहित रहता है, जो पाचन के दौरान वसा को तोड़ने में मदद करती है. जब हम खाना नहीं खा रहे होते हैं, फिर भी लिवर बिना रुके इसका उत्पादन करता रहता है. इसलिए गॉल ब्लैडर को निकालने के बाद भी लिवर सीधे पित्त को छोटी आंत में टपका देता है. हालांकि, पित्ताशय निकाल लेने के बाद कुछ लोगों को शुरुआती पाचन संबंधी बदलाव महसूस हो सकते हैं, लेकिन शरीर कुछ ही हफ़्तों में जल्दी ही इसकी भरपाई कर लेता है.
3. किडनी
ये सेम के आकार का एक छोटा अंग होता है. यह शरीर में खून को छानने का काम करता है और गंदगी को हटाता हैं. इससे शरीर के तरल पदार्थों का संतुलन बना रहता है. मुखर्जी ने कहा कि हमारे शरीर में दो किडनियां होती हैं. जबकि, हममें से अधिकांश के लिए एक ही किडनी पर्याप्त है. हालांकि, एक किडनी निकल जाने के बाद नियमित जांच और जीवन भर दवाइयों की आमतौर पर जरूरत नहीं होती है.एक किडनी आमतौर पर आपके रक्त को छानने और आपको स्वस्थ रखने में सक्षम होता है.
4. पेट
पेट या stomach शरीर का पहला फूड ब्लेंडर होता है और पाचन के लिए भोजन को तोड़ने से पहले उसे जमा करता है. डॉ. मुखर्जी ने बताया कि यदि कैंसर , अल्सर या वजन घटाने की सर्जरी के लिए इसे आंशिक रूप से या पूरी तरह से हटा दिया जाता है , तो भोजन सीधे छोटी आंत में चला जाता है. इससे डाइजेशन में थोड़ा बदलाव आता है. चूंकि, खाना बिना पेट में गए सीधे छोटी आंत में चला जाता है, इसलिए इसके पाचन में थोड़ा टाइम लग सकता है और इसे नियंत्रित करने के लिए सावधानीपूर्वक भोजन करना होता है. ऐसे में पेट नहीं रहने पर जिंदगी तो चलती रहती है, बस संकट के समय में, लोग जल्दी ही डिहाइड्रेड और कुपोषित हो सकते हैं.
5. फेंफड़े
एक फेफड़ा खोने का मतलब है कि आपकी सांस लेने की क्षमता स्थायी रूप से कम हो जाती है. शरीर में दो फेंफड़े होते हैं. ऐसे में एक फेंफड़ा निकाल लेने से शरीर दूसरे को अधिक मेहनत करवाता है. इससे शारीरिक क्षमताएं बदल जाती है. मुखर्जी ने कहा कि एक फेंफड़ा निकल जाने पर दूसरा फेफड़ा अधिक मेहनत करता है. ऐसे में तीव्र शारीरिक गतिविधि अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है. इससे परिश्रम के साथ जीवन भर सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, लेकिन जिंदगी चलती रहती है.
डॉ. मुखर्जी ने बताया कि कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जब किसी दुर्घटना या बीमारी की वजह से लोगों के कुछ अंगों को हटाना पड़ता है. कुछ दिनों तक मॉनिटरिंग के बाद ऐसे लोग फिर से एक नॉर्मल लाइफ जीने लगते हैं.
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