कांवड़ यात्रा शुरू होने से ठीक पहले यूपी के मुजफ्फरनगर जिले का माहौल गरमा गया है. यहां योग साधना आश्रम के महंत स्वामी यशवीर जी महाराज के द्वारा कांवड़ मार्ग पर 'पहचान अभियान' चलाया जा रहा है. इसके तहत उनकी टीम के लोग होटल, ढाबों और रेस्टोरेंट आदि पर जाकर उनके मालिकों और वहां काम करने वाले कर्मचारियों के आधार कार्ड चेक कर उनकी पहचान कर रहे हैं.
इस बाबत जब स्वामी यशवीर जी महाराज से 'आजतक' ने बात की तो उन्होंने 'पहचान अभियान' का विरोध करने वालों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. साथ ही यह भी कहा कि उनके लोगों ने पहचान के लिए किसी ढाबे वाले की पैंट नहीं उतारी थी. उनपर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं. जबकि, असल में नाम बदलकर ढाबा चलाया जा रहा था.
यशवीर महाराज का कहना है कि पुलिस ने उनकी टीम के 6 सदस्यों को नोटिस दिया गया है, जिसका जवाब भी दिया जाएगा. लेकिन अगर पुलिस प्रशासन इस मामले को लेकर उनकी टीम के सदस्यों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करती है तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा और उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
वहीं, सपा नेता एसटी हसन द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों पर नेम प्लेट लगाने को लेकर दिए बयान पर यशवीर महाराज ने तीखी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि जिस खेत में जैसा बीज बोया जाता है, फसल भी वैसे ही पैदा होती है, समाजवादी पार्टी सनातन विरोधी है.
यह भी पढ़ें: 'दुकानदारों से पैंट उतारने को कहा जा रहा है...', कांवड़ रूट की घटना पर ओवैसी का यूपी सरकार निशाना
यशवीर महाराज ने आगे कहा- ''सपा नेता एसटी हसन के बारे में मैं उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार से कहता हूं इसकी जांच करो, इसका संबंध आतंकवादियों से निकलेगा, इसके यहां आतंकवादी आका ठहरते हैं, इसे जेल में डाला जाए, क्योंकि यह साधुओं के ऊपर इस तरह की बकवास कर रहा है. इसे किसने इस तरह की बकवास करने का अधिकार दिया है.''
बकौल यशवीर महाराज- समाजवादी पार्टी के संस्थापक अयोध्या में हिंदुओं को गोलियों से मरवाने के बाद कहते थे कि 'सात नहीं यदि मुझे 700 हिंदू भी मरवाने पड़ते तो मैं मरवा देता, लेकिन बाबरी मस्जिद की रक्षा करता, उसे आंच नहीं आने देता.' इसलिए जिनकी ऐसी विचारधारा हो, उस पार्टी के लोग यही बोलेंगे.
मालूम हो कि समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने मुजफ्फरनगर में एक होटल में कर्मियों की पहचान को लेकर कथित तौर पर उनकी पैंट उतारे जाने के मामले में बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि ऐसा करने वाले और पहलगाम के आंतिकयों में अंतर कोई नहीं है. क्योंकि, धर्म के नाम पर पहचान पूछना आतंकवाद जैसा है.