'कॉलर पकड़ा, मुझे बहुत मारा,...', छत्तीसगढ़ के परिवहन मंत्री ने सर्किट-हाउस में की बदसलूकी

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छत्तीसगढ़ के वन और परिवहन मंत्री केदार कश्यप पर जगदलपुर सर्किट हाउस में रसोइये से मारपीट का आरोप लगा है. रसोइये ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर जांच शुरू हो गई है. कांग्रेस ने मंत्री के इस्तीफे और माफी की मांग की, जबकि मंत्री ने आरोपों को बेबुनियाद और राजनीतिक साजिश बताया. मामला तूल पकड़ता जा रहा है.

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कर्मचारी ने मंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं- (Photo: Screengrab)

शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा मुंबई स्थित आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल में बासी दाल परोसे जाने पर कैंटीन कर्मचारियों के साथ मारपीट करते हुए कैमरे में कैद होने के लगभग एक महीने बाद, छत्तीसगढ़ में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई है. राज्य के वन और परिवहन मंत्री केदार कश्यप पर आरोप है कि उन्होंने जगदलपुर सर्किट हाउस में काम करने वाले एक रसोइये से मारपीट की. इस घटना के बाद राजनीति गरमा गई है और विपक्ष ने मंत्री के इस्तीफे की मांग कर दी है.

कैसे शुरू हुआ विवाद?
जानकारी के मुताबिक, 36 वर्षीय खितेंद्र पांडे नाम का रसोइया जगदलपुर सर्किट हाउस में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है. आरोप है कि मंत्री केदार कश्यप ने सुरक्षा कर्मियों के जरिए खितेंद्र को बुलवाया और गेस्ट रूम खोलने को लेकर विवाद खड़ा हो गया. इसी दौरान मंत्री ने कथित तौर पर रसोइये से गाली-गलौज की, कॉलर पकड़ लिया और उसके साथ धक्का-मुक्की की.

पुलिस में दर्ज हुई शिकायत
इस घटना के बाद खितेंद्र पांडे ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई. बस्तर पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू कर दी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए निष्पक्ष जांच की जाएगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी.

कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
इस घटना के सामने आने के बाद कांग्रेस ने कड़ा रुख अपनाया है. पार्टी नेताओं ने मंत्री कश्यप के व्यवहार की निंदा की और कहा कि यह आचरण जनप्रतिनिधि के लिए शर्मनाक है. कांग्रेस ने मंत्री को तत्काल कैबिनेट से हटाने, सार्वजनिक माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की है.

मंत्री ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
वहीं, वन एवं परिवहन मंत्री केदार कश्यप ने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि यह सब राजनीतिक साजिश है और झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि किसी कर्मचारी से मारपीट या अभद्र व्यवहार करने का सवाल ही नहीं उठता.

राजनीति में गरमाहट
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब छत्तीसगढ़ में विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच लगातार तनातनी बनी हुई है. मंत्री पर लगे आरोप से राज्य की राजनीति में गरमी और बढ़ गई है. अब सबकी नजर पुलिस जांच पर है कि आखिर इस मामले में सच्चाई क्या निकलकर सामने आती है.

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