अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर के देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि जिन देशों ने अमेरिका के साथ अलग से ट्रेड डील पर बातचीत नहीं की है, उनसे अमेरिका 15 से 20 प्रतिशत तक आयात शुल्क (टैरिफ) वसूल सकता है.
स्कॉटलैंड के टर्नबेरी में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ एक प्रेस वार्ता में ट्रंप ने कहा कि दुनिया के लिए यह 15 से 20 प्रतिशत के बीच रहेगा. मैं ज्यादा सख्त नहीं बनना चाहता, इसलिए इतना ही काफी है.
ट्रंप की यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि अप्रैल में उन्होंने जो 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ तय किया था, यह उससे अधिक है. इससे उन छोटे देशों पर आर्थिक दबाव पड़ सकता है, जो उम्मीद कर रहे थे कि शुल्क की दर 10 प्रतिशत ही होगी.
सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा था कि लैटिन अमेरिकी देशों, कैरिबियाई देशों, अफ्रीका के कई देशों समेत छोटे देशों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लागू होगा.
लेकिन ट्रंप ने अब स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका उन सभी देशों पर एक समान टैरिफ लगाएगा, जिन्होंने अमेरिका के साथ अलग से व्यापार समझौता नहीं किया है. उन्होंने कहा कि हम बाकी दुनिया के लिए एक टैरिफ तय कर रहे हैं, अगर वे अमेरिका में व्यापार करना चाहते हैं, तो उन्हें वही देना होगा. हम 200 अलग-अलग समझौते नहीं कर सकते.
बता दें कि भारत समेत कई देश अब भी अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में लगे हैं. 1 अगस्त की टैरिफ समय-सीमा नजदीक आ रही है और व्हाइट हाउस का कहना है कि अमेरिका पर नए व्यापार समझौते करने का कोई दबाव नहीं है.
इस समय भारत के प्रमुख वार्ताकार राजेश अग्रवाल की अगुवाई में व्यापार प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में वार्ता कर रहा है. अमेरिका के लिए भारत एक अहम व्यापारिक साझेदार है और वह उन कुछ देशों में शामिल है, जो अब भी टैरिफ को लेकर बातचीत कर रहे हैं.
पिछले सप्ताह ट्रंप ने जापान पर 15%, इंडोनेशिया पर 16% और यूरोपीय संघ पर 15% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था.वहीं कुछ देश जैसे ब्राजील और लाओस पहले से ही अमेरिका पर 40% से 50% तक के शुल्क लगा रहे हैं.
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