'तेल खरीदारों पर टैरिफ लगाने से ध्वस्त हो जाएगी रूसी अर्थव्यवस्था...', अमेरिकी ट्रेजरी चीफ ने यूरोप से भी की अपील

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अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने रविवार को रूस पर और कड़े आर्थिक दबाव की बात की. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका और यूरोप मिलकर अतिरिक्त प्रतिबंध और सेकेंडरी टैरिफ लगाएं तो रूसी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ढह सकती है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति वार्ता के लिए मजबूर किया जा सकता है.

अमेरिकी नेता बेसेंट ने कहा, "अगर सेकेंडरी टैरिफ उन देशों पर लगाएं जो रूसी तेल खरीद रहे हैं, तो रूस की इकोनॉमी पूरी तरह गिर जाएगी और पुतिन को बातचीत करनी ही पड़ेगी." उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है. हाल ही में बेसेंट ने भारत और चीन को "बैड एक्टर्स " कहा था, क्योंकि दोनों देश रूस से तेल खरीदना जारी रखे हुए हैं.

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स्कॉट बेसेंट का आरोप है कि यह कदम रूस की वॉर मशीन को मजबूत करता है. अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत और चीन पर 145 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाया, हालांकि चीन पर यह टैक्स 90 दिनों के लिए रोका गया है. भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और पश्चिमी देशों की "हिपोक्रेसी" को उजागर किया.

भारत ने कहा कि कई यूरोपीय देश भी रूस से बड़ी मात्रा में ऊर्जा खरीदते हैं, लेकिन उन्हें इस तरह के कठोर कदमों का सामना नहीं करना पड़ा है. बेसेंट का कहना है, "हमें अपने यूरोपीय पार्टनर्स की जरूरत है. यह अब एक रेस है कि यूक्रेन की सेना कब तक टिक सकती है और रूसी अर्थव्यवस्था कब तक टिक सकती है."

यूक्रेन युद्ध खत्म करने के वादे पर ट्रंप हुए फेल

डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार सत्ता में आने के बाद से यूक्रेन युद्ध खत्म करने का वादा कर चुके थे, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है. हाल ही में अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच हाई-प्रोफाइल बैठक हुई थी, लेकिन यूक्रेन युद्ध को रोकने पर कोई समझौता नहीं हो पाया. ट्रंप ने इस मुलाकात को "प्रोडक्टिव" बताया लेकिन कहा, "डील तभी होगी जब डील होगी."

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ट्रंप-पुतिन की मुलाकात की भारत ने की थी सराहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप-पुतिन बैठक को "अत्यंत सराहनीय" बताया और कहा कि भारत लगातार यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की मांग करता रहा है और इस दिशा में हर प्रयास का समर्थन करता है. इस बीच रविवार को युद्ध और भड़क गया. रूसी सेनाओं ने यूक्रेन की राजधानी कीव में सरकारी इमारतों पर हमला किया, जिससे आग लग गई और कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई. जवाबी कार्रवाई में यूक्रेन ने रूस की ब्रायंस्क क्षेत्र की द्रुज़्बा ऑयल पाइपलाइन को निशाना बनाया. रूस की तरफ से यूक्रेन पर 800 से ज्यादा ड्रोन दागे गए थे.

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