'दुश्मन नहीं, पड़ोसी हैं जो...', बिलावल को याद आई भारत से दोस्ती की बात, आतंकवाद पर दिया ये प्रस्ताव

5 days ago 2

आतंक का स्पॉन्सर पाकिस्तान बार-बार भारत की तरफ बातचीत का हाथ बढ़ाने का दिखावा करता रहा है. अब पाकिस्तान की गठबंधन सरकार में शामिल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के प्रमुख पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने बुधवार को फिर से भारत की तरफ शांति का हाथ बढ़ाने का ढोंग किया है. भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान शांति कायम करने और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने के लिए भारत के साथ पार्टनरशिप को तैयार है.

बिलावल का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पहलगाम हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते निम्नतम स्तर पर हैं.

इस्लामाबाद पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट में 'आतंकवाद के खिलाफ विश्व के लिए पाकिस्तान की लड़ाई' विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने के लिए पाकिस्तान भारत के साथ ऐतिहासिक और अभूतपूर्व साझेदारी बनाने के लिए तैयार है.'

बिलावल भुट्टो ने आगे कहा, 'हम नुकसान और फायदे का खेल खेलने वाले दुश्मन नहीं बल्कि ऐसे पड़ोसी हैं जो एक अरब लोगों को आतंकवाद की महामारी से बचाने के नैतिक दायित्व को साझा करते हैं. इसके लिए भारत के नेतृत्व से हमें बस इतनी ही अपेक्षा है कि वो अपने अहंकार को त्याग दे और पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करे.'

कश्मीर और सिंधु जल समझौते के निलंबन पर बोले बिलावल

इस दौरान बिलावल भुट्टो ने भारत से कश्मीर और सिंधु जल समझौते के निलंबन सहित सभी लंबित विवादों को सुलझाने का भी आह्वान किया. भारत ने साफ कर दिया है कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते हैं. भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता, उससे कोई बातचीत नहीं होगी.

पाकिस्तान ने आतंकवाद पर लगाम लगाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है बल्कि इसके विपरित आतंकियों को और बढ़ावा ही देता रहा है.

इसी साल 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकियों ने हमला किया था जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. इसे लेकर भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार बताया था और पाकिस्तान के साथ 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया था. 

इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. यह ऑपरेशन पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में भी चला था जिसमें सैकड़ों आतंकी मारे गए. इसके बाद दोनों देशों में चार दिनों की लड़ाई चली थी. 

पहलगाम की घटना ने पाकिस्तान का आतंकी चेहरा पूरी दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया और खुद बिलावल भुट्टो ने स्वीकारा कि आतंक को समर्थन देना और उसे बढ़ावा देना पाकिस्तान के इतिहास का काला हिस्सा रहा है. वहीं, बिलावल अब भारत की तरफ शांति का हाथ बढ़ाने का ढोंग कर रहे हैं.

बिलावल भुट्टो ने सम्मेलन में आगे कहा, 'आइए हम अपनी साझा परंपराओं की ओर लौटें, जो नफरत पर आधारित नहीं हैं, बल्कि सिंधु घाटी सभ्यता की प्राचीन मिट्टी पर आधारित हैं. हाथ बढ़ाना कमजोरी नहीं है. यह समझदारी है. आतंकवाद एक वैश्विक संकट है जिसे स्थायी भविष्य के लिए हराने की जरूरत है.'

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