अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बेहद कम लोगों का प्रभाव है और उनमें से एक हैं उनके करीबी दोस्त माने जाने वाले छोटे से यूरोपीय देश फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर स्टब. राष्ट्रपति स्टब ने अपने दोस्त ट्रंप से ग्लोबल साउथ, खासकर भारत के संदर्भ में, विदेश मामलों में ज्यादा गरिमापूर्ण नजरिया अपनाने को कहा है. अमेरिका को दिए एक संदेश में स्टब ने कहा कि विदेश नीति सहयोगी नहीं रही तो अमेरिका और पश्चिमी देश अपना खेल हार जाएंगे.
स्टब ने कहा, 'मेरा संदेश न केवल मेरे यूरोपीय सहयोगियों के लिए बल्कि विशेष रूप से अमेरिका के लिए यह है कि अगर हम भारत जैसे ग्लोबल साउथ के प्रति अधिक सहयोगी और सम्मानजनक विदेश नीति नहीं बनाते हैं, तो हम यह खेल हार जाएंगे.'
उन्होंने हाल ही में चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन का भी जिक्र किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे. इस बैठक से पीएम मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बातचीत करते, हाथ मिलाते और गले मिलते कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए थे. एक ही फ्रेम में दुनिया के तीन पावरफुल नेताओं का दिखना अमेरिका समेत पूरे यूरोपीय देशों को असहज कर गया.
एससीओ बैठक को लेकर फिनलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह बैठक ग्लोबल वेस्ट में हम सभी को याद दिलाती है कि हमारे लिए क्या दांव पर लगा है. हम पुरानी व्यवस्था के अवशेषों को बचाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.'
ट्रंप के करीबी हैं फिनलैंड के राष्ट्रपति
फिनलैंड के राष्ट्रपति को ट्रंप का करीबी माना जाता है. मार्च में फ्लोरिडा स्थित अमेरिकी राष्ट्रपति के मार-ए-लागो रिसॉर्ट में उन्होंने ट्रंप के साथ सात घंटे तक गोल्फ खेला था. इसी दौरान दोनों के बीच गहरी दोस्ती हुई थी.
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि स्टब उन चुनिंदा यूरोपीय नेताओं में से हैं जिनकी राय डोनाल्ड ट्रंप को प्रभावित कर सकती है. स्वीडिश इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के जान हॉलेनबर्ग के हवाले से हाल ही में समाचार एजेंसी एएफपी ने कहा, 'छोटे देशों में, उनके जैसा प्रभावशाली कोई नहीं है. स्टब को ट्रंप तक एक अनोखी पहुंच मिली है जो किसी भी छोटे यूरोपीय देश के किसी भी व्यक्ति को कभी नहीं मिली.'
ट्रंप से करीबी की वजह से ही वो अगस्त में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ रूस की स्थिति पर बातचीत के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे थे.
ट्रंप स्टब की काफी तारीफ करते हैं. व्हाइट हाउस में उन्होंने स्टब को एक 'युवा, शक्तिशाली व्यक्ति' कहा था. ट्रंप ने स्टब से कहा था, 'आपने बहुत अच्छा काम किया है और हम आपको यहां इसलिए बुलाना चाहते थे क्योंकि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनका हम सभी सम्मान करते हैं.'
अमेरिका से तनातनी के बीच चीन के करीब हो रहा भारत?
डोनाल्ड ट्रंप से पहले के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने भारत के साथ रिश्तों में मजबूती लाने के लिए काफी काम किया था. प्रशासन इंडो-पैसिफिक में भारत को चीन की काट मानता था और इसी के इर्द-गिर्द अपनी रणनीति बना रखी थी. लेकिन ट्रंप प्रशासन ने आते ही भारत पर 25% का भारी टैरिफ लगा दिया.
इसके बाद रूसी तेल की खरीद से नाराज ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ बढ़ाया जिससे भारत पर कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया. यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो गया है जिसका भारत के कपड़ा और हीरा उद्योग समेत कई उद्योगों पर बहुत बुरा असर हो रहा है.
इसे लेकर अमेरिका के साथ भारी तनातनी की स्थिति है और दोनों के बीच की व्यापार वार्ता भी विफल हो गई है. इस बीच भारत चीन के साथ अपने रिश्तों को सावधानीपूर्वक आगे बढ़ा रहा है. इसे लेकर कई अमेरिकी एक्सपर्ट्स भी चिंता जता रहे हैं और ट्रंप की विदेश नीति की आलोचना कर रहे हैं.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बॉल्टन ने कहा है कि ट्रंप की नीतियों ने दशकों की उन कोशिशों को बर्बाद कर दिया है जिनसे भारत को रूस से दूर रखने और चीनी खतरे से आगाह करने की कोशिश की जा रही थी.
बोल्टन ने कहा कि ट्रंप की विनाशकारी टैरिफ नीतियों ने सब बर्बाद कर दिया है जिसकी वजह से भारत अब फिर से रूस के करीब जा रहा है और चीन से भी नजदीकी बढ़ा रहा है.
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