नेपाल में हिंसा और तख्तापलट के बाद पहली बार केपी शर्मा ओली की पार्टी नेपाली कम्यूनिस्ट पार्टी (यूएमएल) की प्रतिक्रिया सामने आई है. सोमवार को शुरू हुए जेन-जी आंदोलन के बाद मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा था. यूएमएल ने विनाशकारी विरोध प्रदर्शनों पर गहरी चिंता जताई है जिसने सोमवार और मंगलवार को देश को हिलाकर रख दिया था.
पार्टी के केंद्रीय सचिवालय की ओर से महासचिव शंकर पोखरेल ने गुरुवार को एक बयान जारी किया. बयान में हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की मांग करते हुए कड़ी कानूनी कार्रवाई का आह्वान किया गया.
पोखरेल ने कहा कि सोशल मीडिया बैन, भ्रष्टाचार और सुशासन की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन ऐतिहासिक था. पार्टी की तरफ से कहा गया कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हिंसा में भारी नुकसान पहुंचा है जो कि निंदनीय है. पार्टी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
ओली की पार्टी ने हिंसा को बताया दुखद
पार्टी ने मंगलवार को देशभर में हुई आगजनी, लूटपाट और हिंसा की घटनाओं को दुखद बताया. हिंसा में नेपाल की संसद जला दी गई, राष्ट्रपति कार्यालय, सिंघा दरबार, सुप्रीम कोर्ट, संवैधानिक एजेंसियों, हवाई अड्डों, पुलिस स्टेशनों, निजी संपत्ति और दुर्लभ रिकॉर्ड सहित सरकारी इमारतों को नष्ट कर दिया गया. पार्टी की तरफ से कहा गया कि दो दिनों की हिंसा में नेपाल में इतनी भारी तबाही मची है जिससे देश को उबरने में दशकों लग जाएंगे.
बयान में ओली की पार्टी की तरफ से मांग की गई कि विनाश को अंजाम देने वालों की पहचान की जाए. पार्टी ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं.
पुलिस और नेपाली सेना पर ओली की पार्टी ने उठाए सवाल
पार्टी ने अशांति के दौरान नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाली सेना सहित सुरक्षा एजेंसियों की देरी और अपर्याप्त प्रतिक्रिया पर भी सवाल उठाया. मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, यूएमएल ने राजनीतिक संकट के संवैधानिक और लोकतांत्रिक समाधान की जरूरत पर जोर दिया.
पार्टी ने राष्ट्रपति से भ्रष्टाचार विरोधी उपाय करने, भाई-भतीजावाद को खत्म करने, सुशासन कायम करने और युवाओं के रोजगार की चिंता दूर करने के लिए सार्थक बातचीत शुरू करने का आग्रह किया.
बयान के अंत में पार्टी कैडरों को एकजुट रहने, मनोबल बनाए रखने, बर्बाद ऑफिस और सार्वजनिक स्थानों की सफाई में मदद करने, सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने और प्रभावित नागरिकों को मदद करने का निर्देश दिया गया.
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