बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता कर CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट के आधार पर नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला. तेजस्वी ने कहा कि रिपोर्ट में यह साफ हुआ है कि राज्य सरकार ने 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का कोई हिसाब नहीं दिया है, जो अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला है.
उन्होंने कहा, 'हम पहले से कहते आ रहे हैं कि डबल इंजन की सरकार का एक इंजन अपराध में और दूसरा भ्रष्टाचार में लगा हुआ है. बिहार में आज जो अपराध और भ्रष्टाचार की स्थिति है, वह चिंताजनक है. हम इन सभी सवालों को लेकर जनता के बीच जाएंगे.'
अगस्त में महागठबंधन की जनयात्रा
तेजस्वी यादव ने यह भी बताया कि रक्षाबंधन के बाद महागठबंधन के सभी नेता प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जनसंपर्क यात्रा करेंगे. इस दौरान वे CAG रिपोर्ट, मतदाता अधिकारों के हनन, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को लेकर जनता को जागरूक करेंगे.
बिहार कांग्रेस का भी ऐलान
बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने भी प्रेस से बात करते हुए कहा कि, 'अगस्त का महीना हम जनता की लड़ाई के लिए समर्पित करेंगे. सभी नौ प्रमंडलों में महागठबंधन के कार्यक्रम होंगे और जनता के बीच जाकर सरकार की नाकामियों को उजागर किया जाएगा.' उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अगस्त में बिहार दौरे पर आ सकते हैं और जनसभा को संबोधित करेंगे.
तेजस्वी यादव और महागठबंधन नेताओं का यह ऐलान साफ संकेत देता है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति और अधिक गरमाने वाली है. CAG रिपोर्ट के बहाने महागठबंधन ने सरकार को घेरने की जो रणनीति बनाई है, वह नीतीश सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है.
तेजस्वी ने अजीबोगरीब नामों से जारी हो रहे आवासीय प्रमाण पत्रों को लेकर सरकार और प्रशासन पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने मोनालिसा और 'डॉग बाबू' जैसे नामों से जारी हुए आवासीय प्रमाण पत्रों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर यह कोई साजिश थी, तो प्रशासन ने इन पर मुहर क्यों लगाई?
डॉग बाबू और मोनालिसा के नाम से आवेदन
तेजस्वी ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में गहन पुनरीक्षण अभियान चल रहा है, लेकिन जिस तरह के प्रमाण पत्र सामने आ रहे हैं, उससे इस अभियान की पारदर्शिता और गंभीरता पर सवाल उठते हैं. उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, 'देखना होगा कि कितनी गहनता से ये आवासीय प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं. इससे पहले भी सनी लियोनी के नाम से प्रमाण पत्र बन चुका है, अब डॉग बाबू और मोनालिसा के नाम सामने आ रहे हैं.'
उन्होंने यह भी पूछा कि जब जेडीयू के नेताओं ने इस प्रमाण पत्र को फर्जी बताया, तो अगले ही दिन पटना प्रशासन ने उसे रद्द क्यों किया? तेजस्वी ने आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में है और जनता को गुमराह किया जा रहा है.
गौरतलब है कि हाल ही में पटना में डॉग बाबू और मोनालिसा नाम के लोगों के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन आए थे, डॉग बाबू के नाम से बन गया था, जिसका वीडियो और दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. प्रशासन ने बाद में इन्हें फर्जी बताते हुए प्रमाण पत्र रद्द कर दिए, लेकिन इस घटना ने पूरे राज्य में व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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