पुलिस को पूछताछ में पीड़ित किशोरी ने बताया है कि प्रयागराज से दिल्ली पहुंचने तक दरकशा बार-बार ताज से फोन पर बात करती रही. उसे बताती रही कि अब वह कहां पहुंची है. गिरफ्तारी के बाद दरकशा के मोबाइल की जांच पड़ताल से पता चला है कि प्रयागराज से दिल्ली तक पहुंचने में आठ मई से नौ मई के बीच दोनों की लगभग 13 बार फोन पर बात हुई.
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पीड़ता की मां ने आजतक से बातचीत में इस केस से जुड़ी कई जानकारी दी.
केरल ले जाकर फूलपुर की लड़की को धर्मांतरण कराने और जिहादी प्रशिक्षण का दबाव मामले में पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं. पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि ट्रेन से केरल पहुंचने पर रेलवे स्टेशन से दरकशा ने किसी को फोन किया था. फिर वहां एक कार आई और उसे त्रिशूर के एक हॉस्टल में ले जाया गया.
वहां खाना खिलाने के बाद उन्हें आराम करने भेज दिया गया. फिर अगले दिन से उसे दीनी तालीम दी जाने लगी. हिजाब पहनना सिखाया गया और कुछ दिनों बाद धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश हुई. फिर जिहादी प्रशिक्षण का दबाव बनाया जाने लगा. इससे वह घबरा गई और मौका पाकर वहां से भाग निकली. वह रेलवे स्टेशन पहुंची थी, तभी उसके पीछे दरकशा भी पहुंच गई और उससे झगड़ने लगी. इस दौरान टीटीई ने उन्हें पकड़कर पुलिसवालों को सौंप दिया.
पुलिस को पूछताछ में पीड़ित किशोरी ने बताया है कि प्रयागराज से दिल्ली पहुंचने तक दरकशा बार-बार ताज से फोन पर बात करती रही. उसे बताती रही कि अब वह कहां पहुंची है. गिरफ्तारी के बाद दरकशा के मोबाइल की जांच पड़ताल से पता चला है कि प्रयागराज से दिल्ली तक पहुंचने में आठ मई से नौ मई के बीच दोनों की लगभग 13 बार फोन पर बात हुई.
जेल भेजे जाने से पहले पूछताछ में आरोपी दरकशा ने बताया है कि ताज फूलपुर के जोगिया शेखपुर का रहने वाला है. वह उसकी बहन का देवर है और कई सालों से केरल में रहकर नौकरी करता है. ताज के कहने पर ही वह किशोरी को लेकर केरल गई थी. ताज ने कहा था कि वहां नौकरी के लिए लड़कियों की जरूरत है और इसके लिए उसे अच्छा कमीशन मिलेगा..
पीड़िता की मां ने जो तहरीर दी है उसके अनुसार, 8 मई को उसके गांव की दरकशा बानो नामक एक महिला बेटी को पैसों का लालच देकर अपने साथ ले गई थी. दरकशा और मोहम्मद कैफ नामक युवक ने लड़की को पहले प्रयागराज जंक्शन पहुंचाया, जहां रास्ते में छेड़खानी भी की गई. इसके बाद दरकशा लड़की को दिल्ली और फिर केरल के त्रिशूर ले गई. यहां जिहादी बनाने की साजिश शुरू हुई.
केरल पहुंचने पर नाबालिग लड़की की मुलाकात कुछ अज्ञात और संदिग्ध लोगों से कराई गई. उन्होंने पहले लड़की को रुपयों का लालच दिया. फिर जबरन उसका धर्मांतरण कराया. आखिर में जिहादी ट्रेनिंग के लिए दबाव बनाया गया. डरी सहमी लड़की किसी तरह वहां से भाग निकली. उसने त्रिशूर रेलवे स्टेशन पहुंचकर अपनी मां को फोन पर आपबीती सुनाई.