'हमारे लिए अब चंदा मामा दूर के नहीं...', त्रिनिदाद और टोबैगो में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने पोर्ट ऑफ स्पेन में एक सामुदायिक कार्यक्रम में भाग लिया. 

प्रधानमंत्री मोदी ने कोवा के नेशनल साइक्लिंग वेलोड्रोम में सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,  मैं जानता हूँ कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस से भरी है. आपके पूर्वजों ने जिन परिस्थितियों का सामना किया, वे सबसे मजबूत आत्मा को भी तोड़ सकती थीं, लेकिन उन्होंने उम्मीद के साथ कठिनाइयों का सामना किया. उन्होंने समस्याओं का डटकर सामना किया. उन्होंने गंगा और यमुना को पीछे छोड़ दिया, लेकिन अपने दिल में रामायण को साथ लेकर गए. उन्होंने अपनी मिट्टी छोड़ी, नमक नहीं. वे केवल प्रवासी नहीं थे, वे कालातीत सभ्यता के संदेशवाहक थे.

जब मैं 25 साल पहले यहां आया था, तो हम सभी ने लारा के कवर ड्राइव और शॉट्स की तारीफ की थी. आज सुनील नारायण और निकोलस ही हैं जो हमारे युवाओं के दिलों में वही उत्साह जगाते हैं. तब से लेकर अब तक हमारी दोस्ती और भी मजबूत हुई है.

पीएम ने कहा कि हमें याद है कि आपने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पवित्र जल और शिलाएं भेजी थीं. मैं भी इसी तरह की भक्ति भावना के साथ यहां कुछ लाया हूं. अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी से कुछ जल लाना मेरे लिए सम्मान की बात है.

आप सभी जानते हैं कि इस वर्ष की शुरुआत में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम महाकुंभ हुआ था. मुझे महाकुंभ का जल अपने साथ ले जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. मैं कमला जी से अनुरोध करता हूं कि वे सरयू नदी और महाकुंभ का पवित्र जल यहां गंगा धारा में अर्पित करें.

PM ने कहा, 'प्रधानमंत्री कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर में रह करते थे. कमला जी स्वयं वहां जाकर भी आई हैं. लोग इन्हें बिहार की बेटी मानते हैं. यहां उपस्थित अनेक लोगों के पूर्वज बिहार से ही आए हैं. बिहार की विरासत भारत के साथ ही दुनिया का भी गौरव है. लोकतंत्र हो, राजनीति हो, कूटनीति हो, उच्च शिक्षा हो, बिहार ने सदियों पहले दुनिया को ऐसे अनेक विषयों में नई दिशा दिखाई थी. मुझे विश्वास है कि 21वीं सदी की दुनिया के लिए भी बिहार की धरती से नई प्रेरणाएं और नए अवसर निकलेंगे.'

पीएम  मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि वो समय अब दूर नहीं है कि जब कोई भारतीय चंद्रमा पर पहुंचेगा और भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा. हम अब तारों को सिर्फ गिनते नहीं हैं, आदित्य मिशन के रूप में उनके पास जाने का प्रयास करते हैं. हमारे लिए अब चंदा मामा दूर के नहीं है. हम अपनी मेहनत से असंभव को भी संभव बना रहे हैं.

पीएम ने ये भी कहा कि आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को ओसीआई कार्ड दिए जाएंगे. आप सिर्फ़ खून या उपनाम से ही नहीं जुड़े हैं. आप अपनेपन से भी जुड़े हैं. भारत आपका स्वागत करता है और आपको गले लगाता है!

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