गांधीनगर में एक वरिष्ठ महिला डॉक्टर से साइबर ठगों ने 'डिजिटल अरेस्ट' का भय दिखाकर 3 महीने में 19 करोड़ रुपये ठग लिए. आरोपियों ने 35 खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए. महिला को धमकाया गया कि वह मनी लॉन्ड्रिंग में फंसी हैं. पुलिस ने 1 आरोपी को सूरत से गिरफ्तार किया, जिसके खाते में 1 करोड़ जमा मिले.
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आरोपी के खाते से 1 करोड़ मिले. (Photo: Brijesh Doshi/ITG)
गुजरात की राजधानी गांधीनगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जिसमें एक वरिष्ठ महिला डॉक्टर को डिजिटल तरीके से तीन महीने तक 'अरेस्ट' रखकर उनसे 19 करोड़ रुपए ठग लिए गए. आरोपियों ने महिला को लगातार डराकर 35 अलग-अलग बैंक खातों में यह रकम ट्रांसफर करवाई. इस हाई-टेक धोखाधड़ी में सुरत से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. इसके खाते में 1 करोड़ रुपए जमा मिले.
दरअसल, यह मामला 16 जुलाई को साइबर सेल सीआईडी क्राइम को दर्ज कराया गया था. जांच में सामने आया कि महिला डॉक्टर को 15 मार्च से ही लगातार धमकाया जा रहा था. फोन कॉल्स में खुद को साइबर पुलिस, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और अन्य सरकारी अफसर बताकर आरोपियों ने महिला को बताया कि उनके फोन से आपत्तिजनक कंटेंट भेजा जा रहा है और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हो गया है.
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आरोपियों ने महिला की सारी संपत्ति, बैंक डिटेल्स, यहां तक कि उनके गहनों पर लोन लेकर रकम ट्रांसफर करवाई. महिला को इतना डरा दिया गया कि वह घर से बाहर जाती थी तो वीडियो कॉल से अपनी हर गतिविधि रिपोर्ट करती थीं. इस गिरोह का कनेक्शन कंबोडिया जैसे विदेशी नेटवर्क से भी होने की आशंका जताई जा रही है.
फिलहाल जिस खाते में सबसे अधिक रकम ट्रांसफर हुई थी, उसके मालिक को सुरत से गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ताकि इस अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके. यह केस देश के अब तक के सबसे बड़े और लंबे डिजिटल एरेस्ट मामलों में गिना जा रहा है.
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