6% अधिक बारिश से पूरा देश बेहाल...हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में मॉनसून ने बरसाया कहर

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2025 का मॉनसून सीजन (जून से सितंबर तक) भारत के लिए ऊपर-नीचे रहा. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, पूरे देश में जून से 3 सितंबर तक औसतन 743.1 मिमी बारिश हुई, जो लंबे समय के औसत (LPA) 700.7 मिमी से 6.1% ज्यादा है. कुल मिलाकर, देश को LPA का 106% वर्षा मिलने की संभावना है, जो सामान्य से ज्यादा है.

उत्तर-पश्चिम में 26.7% ज्यादा, मध्य भारत में 8.6% ज्यादा, दक्षिण में 9.3% ज्यादा, जबकि पूर्वी और उत्तर-पूर्वी में 17.8% कम बारिश दर्ज हुई. IMD के आंकड़ों से राज्यवार डिटेल नीचे दी गई है. ज्यादा बारिश ने फसलों को फायदा पहुंचाया, लेकिन भूस्खलन, बाढ़ और तबाही भी मचाई. कुल मौतें 500+, नुकसान करोड़ों में है. 

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Monsoon 2025 Rainfall India

राज्यवार बारिश और प्रभाव: IMD के आंकड़े

IMD की मासिक रिपोर्ट्स और प्रेस रिलीज से जून-सितंबर (3 सितंबर तक) के डेटा के आधार पर राज्यवार स्थिति. बारिश LPA से % में दी गई है. प्रभाव में नुकसान (मौतें, फसल, इंफ्रा) शामिल.

हिमाचल प्रदेश (उत्तर-पश्चिम, 26.7% ज्यादा कुल बारिश)

  • जून से 3 सितंबर तक 1200+ मिमी बारिश (LPA से 30% ज्यादा). 
  • प्रभाव: भारी तबाही – 320 मौतें, 23 फ्लैश फ्लड, 19 क्लाउडबर्स्ट, 16 भूस्खलन. 788 सड़कें बंद, NH-3/NH-5 ध्वस्त, मनाली-लेह हाईवे मलबे में. 2174 ट्रांसफॉर्मर डैमेज, बिजली-पानी बाधित.
  • फसल नुकसान: 50000 हेक्टेयर.
  • आर्थिक नुकसान: 5,000 करोड़+. IMD ने रेड अलर्ट जारी किया.

उत्तराखंड (उत्तर-पश्चिम, 26.7% ज्यादा)

  • 1,000+ मिमी (LPA से 25% ज्यादा).
  • प्रभाव: 10 मौतें, धराली-उत्तरकाशी में फ्लैश फ्लड, पिथौरागढ़ में 19 NHPC वर्कर फंसे. 75 सड़कें बंद, देहरादून-टिहरी-नैनीताल रेड अलर्ट. चमोली में बाढ़ से एक महिला की मौत, प्रॉपर्टी डैमेज.
  • कुल तबाही: 2013 केदारनाथ जैसी, लेकिन छोटे स्तर पर.
  • नुकसान: 1,000 करोड़+, इंफ्रा (ब्रिज-सड़क) प्रभावित.

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जम्मू-कश्मीर (उत्तर-पश्चिम, 26.7% ज्यादा)

  • 368 मिमी+ (LPA से 20% ज्यादा, उधमपुर में 630 मिमी रिकॉर्ड).
  • प्रभाव: वैष्णो देवी रूट पर भूस्खलन से 34 मौतें, 20 घायल. तवी नदी ब्रिज गिरा, डोडा-रीशी में बाढ़. स्कूल 3 सितंबर तक बंद. 99 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा.
  • नुकसान: 2000 करोड़+, 100+ सड़कें बंद, फसल-घर डूबे.

पंजाब (उत्तर-पश्चिम, 26.7% ज्यादा)

  • 500+ मिमी (LPA से 25% ज्यादा)
  • प्रभाव: ब्यास-सतलुज-रावी उफान, 13 जिले डूबे, 3 लाख एकड़ फसल बर्बाद. 29 मौतें, 3 लापता. 1312 गांव प्रभावित, 1.46 लाख बेघर.
  • नुकसान: 10000 करोड़+, सड़कें-पुल टूटे. IMD ने ऑरेंज अलर्ट दिया. 

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मध्य प्रदेश (मध्य भारत, 8.6% ज्यादा)

  • 900+ मिमी (LPA से 15% ज्यादा)
  • प्रभाव: महानदी कैचमेंट प्रभावित, बाढ़ से 50 मौतें, 1 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट. इंदौर-भोपाल में जलभराव.
  • नुकसान: 3,000 करोड़+, 200+ गांव डूबे. 

महाराष्ट्र (मध्य भारत, 8.6% ज्यादा)

  • 1,500+ मिमी (रायगढ़ में 440 मिमी एक दिन में).
  • प्रभाव: मुंबई-रायगढ़ में बाढ़, 100+ मौतें, 570 मिमी घाट क्षेत्रों में. फसल नुकसान: 2 लाख हेक्टेयर. 
  • नुकसान: 5,000 करोड़+, ट्रेन-सड़क बाधित.

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दक्षिणी राज्य (केरल, तमिलनाडु; दक्षिण, 9.3% ज्यादा)

  • 1,200+ मिमी (LPA से 10% ज्यादा)
  • प्रभाव: केरल में जल्दी मानसून (मई में), बाढ़ से 50 मौतें, चेन्नई-बेंगलुरु जलभराव. फसल-घर डैमेज. नुकसान: 2,000 करोड़+

उत्तर-पूर्वी राज्य (अरुणाचल, असम; 17.8% कम)

  • 800 मिमी (LPA से 20% कम)
  • प्रभाव: कम बारिश से सूखा जैसी स्थिति, लेकिन कुछ जगहों पर बाढ़ (असम में 20 मौतें).
  • नुकसान: कम, लेकिन फसल प्रभावित. 

अन्य राज्य (जैसे गुजरात, राजस्थान; उत्तर-पश्चिम)

  • सामान्य से ज्यादा (107% LPA)
  • प्रभाव: गुजरात में बाढ़, 30 मौतें. राजस्थान में सामान्य, लेकिन कुछ फ्लड/
  • कुल नुकसान: 1,000 करोड़+

कुल प्रभाव और नुकसान: IMD के आंकड़े

IMD के अनुसार, कोर मानसून जोन (कृषि के लिए महत्वपूर्ण) में 122% LPA बारिश हुई.

  • फायदे: खरीफ फसल अच्छी, जलाशय भर गए (जैसे भाखड़ा डैम 95%).
  • नुकसान: कुल 500+ मौतें, 10 लाख+ प्रभावित, 5 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद.
  • आर्थिक नुकसान: 20,000 करोड़+ (बाढ़, भूस्खलन से).
  • इंफ्रा: 2,000+ सड़कें-पुल डैमेज, बिजली-पानी बाधित.
  • स्वास्थ्य: डेंगू-मलेरिया बढ़ा.
  • IMD ने 15 वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नोटिस किए, जो क्लाइमेट चेंज से जुड़े थे. 

IMD डीजी मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि सितंबर में 109% ज्यादा बारिश से खतरा बढ़ेगा. क्लाइमेट चेंज से एक्सट्रीम इवेंट्स (2,632 वेरी-हैवी, 473 एक्सट्रीमली-हैवी) बढ़े हैं. 

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