धनुष और सोनम कपूर स्टारर डायरेक्टर आनंद एल राय की फिल्म 'रांझणा' एक बार फिर सिनेमाघरों में छा गई है. 2013 की इस हिट फिल्म को दर्शकों संग क्रिटिक्स ने खूब पसंद किया था. फिल्म की कहानी कुंदन नाम के शख्स की थी, जो जोया नाम की लड़की के प्यार में पड़ता. अपने प्यार को पूरा करने चक्कर में उसकी जिंदगी में कई तूफान खड़े होते है और अंत में उसका प्यार उसकी जान ले लेता है. हालांकि थिएटर्स में इन दिनों जो 'रांझणा' चल रही है उसमें बड़ा झोल है.
AI से बदली गई रांझणा की एंडिंग
फिल्म 'रांझणा' को तमिल वर्जन को री-रिलीज किया गया है. इसका नाम Ambikapathy है. इसके साथ ट्विस्ट ये है कि इसकी एंडिंग को एआई की मदद से बदला गया है. जी हां, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से 'रांझणा' के अंत को बदलकर उसे 1 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया. फिल्म के इस नए वर्जन में मरता हुआ कुंदन अपनी आंखें खोल लेता है और उठकर बैठ जाता है. उसके दोस्त बिंदिया (स्वरा भास्कर) और मुरारी (जीशान अयूब) उसे देख खुश के आंसू बहा रहे हैं. फिल्म की एंडिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
नाराज हुए फिल्म के डायरेक्टर आनंद एल राय
ये वीडियो पिक्चर के डायरेक्टर आनंद एल राय तक भी पहुंच गए हैं. ऐसे में आनंद ने फिल्म की एंडिंग को बदलने को लेकर नाराजगी जताई है. आनंद ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'आज एक एआई से बना रांझणा का वर्जन री-रिलीज किया गया है. इसमें कुंदन जिंदा हो जाता है. इसके अंत को डायरेक्टर, राइटर और फिल्म को खून, म्यूजिक, कविताओं और दर्द के साथ बनाने वाली फिल्म की मर्जी के बिना बदला गया है.'
इससे पहले एक और पोस्ट में आनंद ने लिखा था, 'पिछले तीन हफ्ते अजीब और बेहद परेशान करने वाले थे. फिल्म रांझणा का जन्म ख्याल, संघर्ष और क्रिएटिव रिस्क से हुआ था. इसे बिना जाने और बिना मर्जी के बदलकर दोबारा रिलीज होते देखना बर्बाद होने जैसा है. जो इस पूरी बात को सबसे खराब बनाता है वो ये है कि ये सब बहुत आराम से हो गया है.' आनंद एल राय का साथ फैंस भी दे रहे हैं. यूजर्स का कहना है कि उन्हें इस बदले हुए वर्जन की जरूरत नहीं थी.
ओरिजिनल वर्जन में क्या हुआ था?
2013 में आई फिल्म 'रांझणा' में गोली खाने के बाद कुंदन (धनुष) आईसीयू में भर्ती दिखाया जाता है. ये जोया (सोनम कपूर) की साजिश होती है. कुंदन के अस्पताल में एडमिट होने के बाद जोया उसे देखने पहुंचती है. यहां कुंदन की दोस्त बिंदिया उसे झाड़ लगाती है और कहती है कि ये उसका वाला कुंदन है, क्योंकि मेरा दोस्त मुंह से खून नहीं उगलता था. वहीं मुरारी के आंसू बह रहे होते हैं. अंत में कुंदन का मोनोलॉग सुनने को मिलता है, जिसमें वो अपनी जिंदगी और जोया के प्यार में अपने पागलपन को याद करते हुए कहता है कि अब वो थक गया है, इसलिए अब नहीं उठेगा. और इसी तरह कुंदन की मौत हो जाती है. वो जोया के प्यार में अपनी जान दे देता है.
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