'ऐसा कहने के उनके अपने कारण...', राहुल गांधी के बयान पर बोले शशि थरूर, किया था ट्रंप के डेड इकॉनमी वाली बात का सपोर्ट

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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘डेड इकॉनमी’ टिप्पणी से सहमति जताने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मैं अपने पार्टी नेता के बयान पर टिप्पणी नहीं करना चाहता.

थरूर ने कहा, "उन्होंने (राहुल गांधी) जो कहा, उसके अपने कारण होंगे. मेरी चिंता ये है कि अमेरिका के साथ हमारा रणनीतिक और आर्थिक रिश्ता बेहद अहम है. हम अमेरिका को करीब 90 अरब डॉलर का निर्यात करते हैं. हम ऐसा नुकसान नहीं उठा सकते कि ये व्यापारिक संबंध कमजोर पड़े या खत्म हो जाए.”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "हमें अपने वार्ताकारों को ताकत और समर्थन देना चाहिए ताकि भारत के लिए एक उचित समझौता हो सके. साथ ही, हमें दूसरे क्षेत्रों से भी निर्यात के विकल्प तलाशने चाहिए, ताकि अगर अमेरिका से नुकसान होता है तो उसकी भरपाई कहीं और से हो सके."

अगला उपराष्ट्रपति कौन? इस सवाल के जवाब में शशि थरूर ने कहा, "हम इतना ही जानते हैं कि अगला उपराष्ट्रपति वही होगा जिसे सत्ता पक्ष नामित करेगा, क्योंकि मतदाता मंडल की संरचना पहले से तय है. हमें उम्मीद है कि इस बार विपक्ष से भी परामर्श किया जाएगा, लेकिन ये अभी कौन बता सकता है."

#WATCH | Mumbai | On Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi agreeing with US President Donald Trump's 'dead economy' remark, Congress MP Shashi Tharoor says, "I don't want to comment on what my party leader has said. He has his reasons for saying so. My concern is that our… pic.twitter.com/zwJm4v4vRV

— ANI (@ANI) August 2, 2025

मानहानि केस पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को बताया 'व्यवस्था की खामी'

सुप्रीम कोर्ट द्वारा कथित तौर पर एक बीजेपी नेता को उनके खिलाफ दर्ज मानहानि केस वापस लेने की सलाह दिए जाने पर थरूर ने कहा, “हमारी व्यवस्था की सबसे बड़ी समस्या ये है कि कई बार बेहद हल्के और तुच्छ मुकदमों को चलने की इजाजत मिल जाती है, और तब प्रक्रिया ही सज़ा बन जाती है. सवाल ये है कि क्या हमारे न्यायालयों का वक्त सार्थक मामलों पर लग रहा है, या राजनीतिक उद्देश्य से दायर मामलों पर न्यायिक समय बर्बाद हो रहा है?”

'मैंने किसी को निशाना नहीं बनाया'

थरूर ने कहा कि मैंने एक किताब में 2011 में छपे एक लेख का हवाला दिया था, जिसमें एक व्यक्ति का बयान उद्धृत था, जो उस वक्त संघ में था और बाद में भाजपा में आकर पूर्वी यूपी का प्रभारी बना. मैंने केवल एक उद्धरण को उद्धृत किया था और उसी को आधार बनाकर छह साल बाद मुझ पर केस कर दिया गया. ऐसे में कोर्ट की यह सलाह आश्चर्यजनक नहीं है कि केस को खत्म किया जाए.

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