बिहार के बांका जिले में अवैध बालू खनन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ₹131 करोड़ के घोटाले का खुलासा किया है. ईडी की रिपोर्ट में कुछ नेताओं और उनके करीबियों की भूमिका की आशंका जताई गई है. यह मामला पहले लोक अदालत में जुर्माने के बाद बंद हो गया था, लेकिन ईडी ने दोबारा एफआईआर की सिफारिश की है.
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ED ने किया अवैध बालू खनन का खुलासा (File Photo: ITG)
बिहार के बांका जिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े बालू घोटाले का खुलासा किया है. इस घोटाले में करीब ₹131 करोड़ की अवैध कमाई का अनुमान लगाया गया है. ईडी ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि मामले में कुछ नेताओं और उनके करीबियों की संलिप्तता हो सकती है.
ईडी ने यह पत्र कुछ हफ्ते पहले खान एवं भूविज्ञान विभाग को भेजा था. यह मामला 2023 में उस समय सुर्खियों में आया था, जब एक पुराने केस को लोक अदालत में जुर्माना लगाकर खत्म कर दिया गया था.
ED ने किया बड़े बालू घोटाले का खुलासा
साल 2017-2018 के दौरान बांका पुलिस ने महादेव एनक्लेव नाम की कंपनी पर सात एफआईआर दर्ज की थीं. आरोप था कि कंपनी ने तय सीमा से बाहर जाकर बड़े पैमाने पर अवैध बालू खनन किया.
खनन विभाग के मुताबिक, कंपनी को 2015 से 2021 तक 28 नदी घाटों से बालू खनन की अनुमति थी, लेकिन उसने नियमों का उल्लंघन किया. पुलिस ने सभी मामलों में चार्जशीट दाखिल कर कंपनी के डायरेक्टर मनोज कुमार पचिसिया को आरोपी बनाया था.
बाद में मामला कोर्ट में लंबा खिंचने पर लोक अदालत में पहुंचा और फरवरी 2023 में जुर्माना लगाकर आरोपियों को छोड़ दिया गया. इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया. IIT पटना से कराई गई जियोस्पेशियल रिपोर्ट में पाया गया कि 2016 से 2021 तक करीब 11.99 करोड़ क्यूबिक मीटर बालू अवैध रूप से निकाला गया, जिससे ₹131.43 करोड़ का नुकसान हुआ.
11.99 करोड़ क्यूबिक मीटर बालू निकाला गया
लोक अदालत में केस कंपाउंड होने से ईडी की कानूनी कार्रवाई अटक गई. इसलिए ईडी ने अब दोबारा एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है और पैसे के लेन-देन की जांच में नेताओं के शामिल होने की आशंका जताई है.
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