जीपीएस जैमिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसमें रेडियो सिग्नल के जरिए सैटेलाइट नैविगेशन सिस्टम को बाधित किया जाता है. यह न केवल सैन्य बल्कि नागरिक उड्डयन के लिए भी खतरा है.
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ईयू अध्यक्ष का विमान हादसे का शिकार होते-होते बचा (फाइल फोटो)
यूरोपीय यूनियन (EU) की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन का विमान उस समय बड़े हादसे का शिकार होते-होते बच गया. जब उर्सुला रविवार को पोलैंड से बुल्गारिया के एयरपोर्ट की ओर जा रही थीं. कहा जा रहा है कि उनके विमान का जीपीएस नैविगेशन सिस्टम अचानक जाम हो गया जिससे विमान को आपात स्थिति में उतारना पड़ा.
यह घटना 31 अगस्त की है. ईयू की अध्यक्ष उर्सुला पोलैंड-बेलारूस सीमा के दौरे से लौट रही थीं. वह बुल्गारिया के एयरपोर्ट जा रही थीं. उनका विमान बुल्गारियाई हवाई क्षेत्र में था कि अचानक जीपीएस सिग्नल जाम हो गया. यूरोपीय आयोग के प्रवक्तका एरियाना पोडेस्टा ने पुष्टि की कि विमान का जीपीएस सिग्नल जानबूझकर जाम किया गया था.
बुल्गारियाई अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही विमान प्लोवदिव एयरपोर्ट के पास पहुंचा कि तभी सैटेलाइट सिग्नल पूरी तरह गायब हो गया. इस वजह से पायलट को नैविगेशन के लिए वैकल्पिक तरीकों का सहारा लेना पड़ा. यूरोपीय आयोग और बुल्गारियाई अधिकारियों ने इसका जिम्मेदार रूस को ठहराया है. कहा गया कि रूस ने जानबूझकर विमान के जीपीएस को जाम किया.
बुल्गारियाई सुरक्षा एजेंसियों ने प्रारंभिक जांच में पुष्टि की कि जीपीएस सिग्नल को बाधित करने में बाहरी हस्तक्षेप की संभावना है, और इसका शक रूस पर है. बुल्गारिया ने कहा कि विमान के सैटेलाइट सिग्नल में रुकावट तब आई, जब वह हवाई अड्डे के करीब था.
बता दें कि रूस पर पहले भी जीपीएस जैमिंग और स्पूफिंग के आरोप लगते रहे हैं. उदाहरण के लिए, 2024 में लात्विया, फिनलैंड और पोलैंड जैसे देशों ने रूस पर अपने हवाई क्षेत्र में जीपीएस सिग्नल बाधित करने का आरोप लगाया था. यूरोपीय आयोग ने इस घटना को रूस और उसके सहयोगियों से बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक और हाइब्रिड खतरों का उदाहरण बताया.
यह घटना रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच बढ़ते तनाव का हिस्सा मानी जा रही है. उर्सुला वॉन डेर लेयेन शुरू से ही यूक्रेन के समर्थन में और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना में मुखर रही हैं. हाल ही में उन्होंने पुतिन को Predator कहा था और रूस को बातचीत की मेज पर लाने की वकालत की थी.
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