Google के AI Agent का कमाल, साइबर अटैक होने से पहले ही उसे रोक दिया

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टेक्नोलॉजी कंपनियां अरबों डॉलर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर खर्च कर रही हैं. पिछले कुछ सालों में इस टेक्नोलॉजी का तेजी से विकास हुआ है. मेडिकल साइंस से लेकर किसी समस्या का हल ढूंढने तक में AI मॉडल्स का इस्तेमाल हो रहा है. कुछ सेक्टर ऐसे भी हैं, जहां ये इंसानों की टक्कर का काम कर रहे हैं. 

AI की क्षमताओं का विस्तार करते हुए Google ने नया AI Agent लॉन्च किया है, जो साइबर अटैक को रोक रहा है. ये AI एजेंट किसी साइबर हमले के होने से पहले ही उसे रोकने में सक्षम है. इसकी जानकारी Google CEO सुंदर पिचाई ने X पर दी है.

Big Sleep ने रोका साइबर अटैक 

उन्होंने ने बताया कि उनके इन-हाउस डेवपल किए गए AI Agent ने कंपनी की सिक्योरिटी टीम की मदद से एक साइबर अटैक को होने से पहले ही विफल किया है. इस AI Agent का नाम Big Sleep है, जिसे Google के DeepMind और Project Zero के तहत डेवलप किया गया है. 

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इस AI एजेंट का काम किसी सॉफ्टवेयर में अनजान वल्नेरेबिलिटी को खोजना है. पिछले साल नवंबर में इस AI Agent ने पहली सिक्योरिटी वल्नेरेबिलिटी (खामी) पकड़ी थी और दिखाया था कि AI साइबर सिक्योरिटी में कैसे मदद कर सकता है. गूगल ने ब्लॉगपोस्ट में इस एजेंट के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. 

New from our security teams: Our AI agent Big Sleep helped us detect and foil an imminent exploit. We believe this is a first for an AI agent - definitely not the last - giving cybersecurity defenders new tools to stop threats before they’re widespread.

— Sundar Pichai (@sundarpichai) July 15, 2025

AI एजेंट ने कैसे किया काम?

गूगल ने बताया है कि Big Sleep ने कई नई सिक्योरिटी खामियों को खोजा है. थ्रेट इंटेलिजेंस और बिग स्लीप का इस्तेमाल करते हुए गूगल ने एक ऐसी वल्नेरेबिलिटी को रोका है, जिसका किसी ने अभी तक इस्तेमाल नहीं किया था. यानी किसी को इस खामी के बारे में पता चले, उससे पहले ही उस खामी को दूर कर दिया गया.

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हालांकि, गूगल ने ये जानकारी नहीं दी है कि उन्होंने कब बिग स्लीप को सिक्योरिटी खामियों को पड़ने के लिए इस्तेमाल करना शुरू किया है. ऐसा लगता है कि कंपनी पिछले कुछ वक्त से AI Agent को टेस्ट कर रही है. गूगल ने इसके साथ ही थ्रेट डिटेक्शन में AI के इस्तेमाल और उसके प्रभाव को भी दिखा दिया है.

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