हैदराबाद में एक बेहद संगठित, खतरनाक और अवैध सरोगेसी रैकेट का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. इस गिरोह के तार तेलंगाना से लेकर आंध्र प्रदेश तक फैले हुए थे. गिरोह के लोग नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे. इसकी अगुवाई एक 64 वर्षीय नामचीन फर्टिलिटी डॉक्टर कर रही थी. पुलिस ने फर्टिलिटी सेंटर की निदेशक, आईवीएफ विशेषज्ञ, तकनीशियन, वकील समेत कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है.
इस पूरे रैकेट का खुलासा तब हुआ जब एक दंपत्ति ने हैदराबाद के गोपालपुरम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया कि वे किसी के जरिए फर्टिलिटी सेंटर पहुंचे, जहां उनसे कहा गया कि वे अपने स्पर्म और एग के जरिए सरोगेसी के माध्यम से अपना बच्चा पैदा कर सकते हैं. उनको भरोसे में लेने के बाद प्रक्रिया शुरू कर दी गई. बच्चा होने के बाद दंपति को उस पर शक हुआ, तो डीएनए जांच कराई गई.
इस जांच में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ. उस बच्चे से दंपति का कोई जैविक संबंध नहीं था. इस मामले में शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी. इस दौरान पता चला कि ये सबकुछ सुनियोजित था. आरोपी डॉ. अथलुरी नम्रता उर्फ पचीपाला नम्रता, जो यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर्स की मालिक हैं, पिछले कई वर्षों से इस नेटवर्क का संचालन कर रही थीं. वह हर जोड़े से 20 से 30 लाख लेती थी.
उनके फर्टिलिटी सेंटर से नि:संतान दंपति को जैविक बच्चे पैदा कराने का झांसा दिया जाता था. लेकिन असलियत में आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर महिलाओं को थोड़े पैसों में अपनी गर्भावस्था जारी रखने के लिए मजबूर किया जाता था. उनके नवजात बच्चों को दूसरे जोड़ों को उनके बच्चों के रूप में सौंप दिया जाता था. शिकायतकर्ताओं के केस में भी यही पैटर्न अपनाया गया. उन्हें भरोसा दिलाया गया.
उनसे कहा गया कि विशाखापत्तनम में एक सरोगेट मां सी-सेक्शन से बच्चे को जन्म दे चुकी है. उनसे डिलीवरी चार्ज के नाम पर अतिरिक्त पैसे लिए गए और फिर एक बच्चा, नकली जन्म प्रमाण पत्र और फर्जी दस्तावेजों के साथ सौंप दिया गया. लेकिन डीएनए परीक्षण ने इस पूरे रैकेट की पोल खोल दी. आरोपियों के खिलाफ पहले भी हैदराबाद, विशाखापत्तनम और गुंटूर में 10 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं.
इस मामले में पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की हैं...
1. डॉ. अथलुरी नम्रता: मुख्य आरोपी, यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर्स की संचालिका
2. पचीपाला जयंत कृष्णा: आरोपी डॉक्टर का बेटा, वकील और धमकी देने में सक्रिय भूमिका
3. सी. कल्याणी अच्चयम्मा: विशाखापत्तनम स्थित क्लिनिक की प्रबंधक
4. गोल्लामंडला चेन्ना राव: भ्रूण विशेषज्ञ और लैब तकनीशियन
5. नर्गुला सदानंदम: गांधी अस्पताल में कार्यरत एनेस्थीसिया विशेषज्ञ
6. धनश्री संतोषी
7. मोहम्मद अली आदिक
8. नसरीन बेगम
पुलिस जांच में ये भी सामने आया है कि चिकित्सा विभाग द्वारा इन फर्टिलिटी सेंटर्स के लाइसेंस पहले ही रद्द किए जा चुके थे, लेकिन आरोपी खामियों का फायदा उठाकर अपनी अवैध गतिविधियों को जारी रखे हुए थे. कई मामलों में जाली मेडिकल लाइसेंस और दूसरे डॉक्टरों के नाम का भी दुरुपयोग किया गया. इस मामले की छानबीन उत्तरी जोन पुलिस, गोपालपुरम थाने और हैदराबाद टास्क फोर्स ने संयुक्त रूप से की है.
डीसीपी रश्मि पेरुमल ने कहा, ''जो भी व्यक्ति मानव तस्करी, अवैध सरोगेसी या कमजोर महिलाओं के शोषण में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी." पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अवैध, बिना लाइसेंस वाले फर्टिलिटी क्लीनिकों से सावधान रहें. ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें. पीड़ित लोगों को नजदीकी पुलिस स्टेशन में संपर्क करने के लिए कहा गया है.
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