PAK ने दिखा दिया असली रंग, अब तालिबान से जान बचाने वाले कतर पर ही मढ़ दिए आरोप

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ कतर द्वारा पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्षविराम पर दिए गए बयान में बदलाव के बाद भड़क गए हैं. कतर ने अपने आधिकारिक बयान से "सीमा" यानी डूरंड लाइन का जिक्र हटा दिया है, जिसे पाकिस्तान दोनों देशों के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है, लेकिन अफगानिस्तान इसे स्वीकार नहीं करता.

कतर के इस कदम को पाकिस्तान की "काल्पनिक सीमा" पर कूटनीतिक झटका माना जा रहा है. इस संशोधन के बाद क्षेत्रीय विशेषज्ञों ने कहा है कि यह फैसला दोहा की ओर से अफगानिस्तान के दृष्टिकोण को तवज्जो देने का संकेत देता है.

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ख्वाजा आसिफ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "कतर का यह बयान संघर्षविराम समझौते से जुड़ा नहीं है." उन्होंने आरोप लगाया कि "कतर अफगानिस्तान को खुश करने की कोशिश कर रहा है." आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच दोहा में जो समझौता हुआ है, वह गुप्त रहेगा और उसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.

ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अफगान तालिबान से हुई बात, टीटीपी से नहीं

ख्वाजा आसिफ ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें समझौते के सभी विवरणों की जानकारी नहीं है. आसिफ ने साफ किया कि पाकिस्तान ने बातचीत केवल अफगान तालिबान से की है, न कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से.

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पाकिस्तान ने कतर पर तालिबान का तुष्टिकरण का आरोप लगाया

कतर द्वारा अपने बयान में संशोधन के बाद इस पूरे मामले ने कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना पाकिस्तान और कतर के रिश्तों पर असर डाल सकती है, खासकर ऐसे समय में जब इस्लामाबाद तालिबान और क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर दबाव में है. पाकिस्तान कतर पर अफगान तालिबान के तुष्टिकरण का आरोप लगा रहा है.

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