भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का दौरा किया. जहाज पर वे जहां खड़े थे, वहां बराक-8 सर्फेस-टू-एयर मिसाइल (SAM) के लॉन्चर लगे हैं. यह मिसाइल भारत की हवाई रक्षा का मजबूत हथियार है. विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत पर खुद की एयर डिफेंस सिस्टम होना दुर्लभ है. आइए जानते हैं इस मिसाइल की पूरी कहानी, इसकी ताकत और विक्रांत के लिए इसका महत्व.
पीएम मोदी का दौरा और मिसाइल का स्थान
पीएम मोदी ने विक्रांत पर सवार होकर जहाज की क्षमताओं का जायजा लिया. वे जहाज के डेक पर खड़े थे, जहां वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) के लॉन्चर हैं. ये लॉन्चर बाराक-8 मिसाइलों के लिए बने हैं. विक्रांत पर कुल 32 VLS सेल हैं, जो हवाई हमलों से बचाव के लिए इस्तेमाल होते हैं. यह सिस्टम जहाज को दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ड्रोनों से बचाता है. पीएम का यह दौरा विक्रांत की ताकत को दुनिया के सामने दिखाने का मौका था.
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बराक-8 मिसाइल क्या है?
बराक-8 एक एडवांस सर्फेस-टू-एयर मिसाइल है, जिसे इजरायल और भारत ने मिलकर विकसित किया है. बराक का मतलब है 'बिजली की चमक'. यह मिसाइल हवा में उड़ते दुश्मन को निशाना बनाती है. विक्रांत पर यह VLS से लॉन्च होती है, जो मिसाइल को सीधा ऊपर की ओर फेंकता है.
यह मिसाइल नौसेना के जहाजों, तटरक्षक और थलसेना के लिए भी इस्तेमाल होती है. भारत ने इसे 'मिसाइल फॉर शिप' प्रोजेक्ट के तहत बनाया. बराक-8 की खासियत यह है कि यह एक्टिव रडार होमिंग सिस्टम से काम करती है – मतलब, यह खुद दुश्मन को ढूंढकर मार गिराती है.
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बाराक-8 की ताकत: रेंज, स्पीड और क्षमता
बाराक-8 की ताकत जानकर आप हैरान रह जाएंगे. यहां कुछ मुख्य बातें...
- रेंज: 70 से 100 km तक. यानी, दुश्मन का विमान या मिसाइल 100 किमी दूर से ही नष्ट हो सकती है.
- स्पीड: 2500 km/hr. यह इतनी तेज है कि दुश्मन को भागने का मौका ही नहीं मिलता.
- ऊंचाई: 20 km तक ऊपर उड़ सकती है. इससे हाई-लेवल हमलों से भी बचाव होता है.
- वजन और साइज: करीब 275 kg वजन, 4.5 मीटर लंबी. यह हल्की लेकिन घातक है.
- हेड: 60 किलोग्राम हाई-एक्सप्लोसिव वारहेड, जो सीधा निशाने पर फटती है.
- गाइडेंस: GPS, इंसर्टियल नेविगेशन और एक्टिव रडार से। मौसम खराब होने पर भी सटीक मार करती है.
यह मिसाइल कई लक्ष्यों को एक साथ निशाना बना सकती है. विक्रांत पर 32 सेल होने से 32 मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं. यह एक अतिरिक्त डिस्ट्रॉयर या फ्रिगेट जितनी ताकत देता है. ज्यादातर दुनिया के विमानवाहक पोत पर इतना मजबूत एयर डिफेंस नहीं होता.
आईएनएस विक्रांत: स्वदेशी ताकत का प्रतीक
आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत है, जो पूरी तरह भारत में बना. यह 40,000 टन का विशालकाय जहाज है, जो 30 नॉट (55 किमी/घंटा) की स्पीड से दौड़ सकता है. विक्रांत पर 26 फाइटर जेट (मिग-29के) और 8 हेलीकॉप्टर ले जा सकता है. लेकिन इसकी असली ताकत है बराक-8 जैसी मिसाइलें.
विक्रांत का VLS सिस्टम हिंद महासागर में भारत की रक्षा को मजबूत बनाता है. दुश्मन के हमलों से बचाव के साथ, यह हमला भी कर सकता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि विक्रांत पर VLS होना रेयर है. ज्यादातर कैरियर दूसरे जहाजों पर निर्भर रहते हैं. लेकिन विक्रांत खुद एक 'मिनी डिस्ट्रॉयर' की तरह है.
इससे बैटल ग्रुप (जहाजों का समूह) की ताकत दोगुनी हो जाती है. बराक-8 ने भारत को इजरायल से स्वतंत्र बनाया, क्योंकि अब हम खुद इसे बना सकते हैं.
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