SC, ST, OBC सबको मिलेगा आरक्षण... आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के लिए सीएम योगी ने बनाया नियम

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के गठन को मंजूरी दी है. इस निगम को कंपनी एक्ट के तहत बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रस्तावित इस निगम द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, महिला, दिव्यांगजन और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण प्रावधानों का पूरा पालन किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने निराश्रित, तलाकशुदा व परित्यक्ता महिलाओं को भी प्राथमिकता देने की बात कही है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि यह निगम प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा के लिए काम करेगा. इस निगम का उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में स्थायित्व का भरोसा सुनिश्चित करेगा.

ऐसे बनेगा आउटसोर्स सेवा निगम: 

सरकारी की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि इसमें मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और एक महानिदेशक की नियुक्ति होगी. सभी मंडल व जिला स्तर पर भी समितियों का गठन किया जाएगा. इसके लिए एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से होगा. जो कम से कम तीन वर्षों के लिए होगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि अभी जो भी कर्मचारी काम कर रहे हैं उन्हें कोई दिक्कत ना हो. चयन प्रक्रिया में उन्हें अनुभव के आधार पर वेटेज मिलेगा. 

एजेंसियों का चयन अलग-अलग तरीके से

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन अलग-अलग तरीके से होता है, जिसके कारण अक्सर समय पर सैलरी नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि सैलरी में कटौती, ईपीएफ/ईएसआई के लाभ ना मिलने, पारदर्शिता की कमी और उत्पीड़न जैसी अनेक शिकायतें मिलती रहती हैं.इस निगम के बन जाने से इस व्यवस्था में सुधार हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कि सभी आउटसोर्सिंग कार्मिकों का पारिश्रमिक हर महीने की 05 तारीख तक सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाए.साथ कही ईपीएफ और ईएसआई की रकम भी समय से जमा हो. ईपीएफ, ईएसआईसीऔर बैंकों से अनुमन्य सभी लाभ भी कर्मचारियों को मिले.

नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि निगम को रेगुलेटरी बॉडी की भूमिका में रखा जाए जो एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निगरानी करे और नियमों के उल्लंघन पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबारमेंट, पेनाल्टी एवं वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएगा.मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि नियमित पदों के विरुद्ध कोई भी आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाए.

सेवामुक्त नहीं होगा कोई भी

चयन के बाद कोई भी कर्मचारी तब तक सेवा से मुक्त न किया जाए, जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम प्रदेश की प्रशासनिक प्रणाली में एक नई पारदर्शिता और जवाबदेही का अध्याय जोड़ेगा. इससे न केवल राज्य के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मियों को लाभ मिलेगा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी.

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