चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का 25 वां शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया. इस दौरान विभिन्न सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेताओं ने अपने विचार साझा किए. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप से आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, जिस पर संगठन के सभी नेताओं ने साझा बयान में समर्थन जताया है. घोषणा पत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात शामिल की गई है.
शिखर सम्मेलन के समापन के बाद जारी तियानजिन घोषणा पत्र में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने, UN रिफॉर्म्स, ह्यूमन राइट और भारत की पहलों को खास जगह दी गई है.
'पहलगाम हमले की कड़े शब्दों में निंदा'
घोषणा पत्र में आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की प्रतिबद्धता दोहराई है. सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और इस हमले में जान गंवाने वालों के परिजनों और घायलों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. घोषणा पत्र में कहा गया कि ऐसे हमलों के अपराधियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.
आतंकवाद पर दोहरा रवैया अस्वीकार्य
सदस्य देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा करते हुए इसकी लड़ाई में दोहरे मापदंडों को अस्वीकार्य बताया. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा-पार आतंकियों की आवाजाही, के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र (UN) के नेतृत्व में एकजुट होने का आह्वान किया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति को लागू करने पर जोर दिया गया. साथ ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक संधि को सर्वसम्मति से अपनाने की जरूरत पर भी जोर दिया.
इसके अलावा पाकिस्तान में 11 मार्च को जफर एक्सप्रेस और 21 मई 2025 को खुजदार में हुए आतंकी हमलों की भी कड़ी निंदा की गई. सदस्य देशों ने आतंकवादी, अलगाववादी और उग्रवादी समूहों का स्वार्थी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की कोशिशों को अस्वीकार्य बताया और आतंकी खतरों से निपटने में संप्रभु देशों और उनकी सक्षम संस्थाओं की अग्रणी भूमिका को मान्यता दी.
भारत की पहलों की सराहना
घोषणा पत्र में भारत की थीम 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' का भी उल्लेख किया गया है. सदस्य देशों ने 3-5 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 5वें एससीओ स्टार्टअप फोरम के परिणामों का स्वागत किया गया, जिसने वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों तथा इनोवेशन के क्षेत्र में सहयोग को गहरा किया.
इसके अलावा 21-22 मई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 20वें एससीओ थिंक टैंक फोरम को भी सराहा गया. भारतीय विश्व मामलों की परिषद (ICWA) में एससीओ अध्ययन केंद्र की सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को मजबूत करने में योगदान को भी मान्यता दी गई.
यूएन रिफॉर्म्स पर जोर
सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र को आधुनिक राजनीतिक और आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप ढालने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शासी निकायों में विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए संतुलित सुधारों की वकालत की. ये कदम ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को पुराने ढांचों से मुक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना गया है.
ह्यूमन राइट पर क्या बोला एससीओ
घोषणा पत्र में सभी मानवाधिकारों की सार्वभौमिकता, अविभाज्यता, परस्पर निर्भरता को दोहराया गया. सदस्य देशों ने मानवाधिकारों और मूलभूत स्वतंत्रताओं के सम्मान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. साथ ही मानवाधिकारों के मुद्दों पर दोहरे मापदंडों और उनकी आड़ में अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप को अस्वीकार करार दिया.
इसके अलावा सदस्य देशों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के साथ-साथ नशीले पदार्थों, हथियारों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के अन्य रूपों के खिलाफ संयुक्त लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया.
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