क्या सोमवार और सुबह का समय हार्ट अटैक के लिए होता है सबसे खतरनाक? एक्सपर्ट ने बताई सच्चाई

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Heart Attack Time: 'हार्ट अटैक से हुई मौत!' आए दिन ये आपको सुनने मिल ही जाता होगा. आज कल हर दूसरा व्यक्ति हार्ट अटैक से अपनी जान गवां रहा है. नतीजतन भारत में दिल की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि ये हार्ट अटैक की चपेट में ना सिर्फ बड़े लोग, बल्कि बच्चे और युवा भी आ रहे हैं.

लगभग दो महीने पहले 16 जुलाई 2025 को राजस्थान के सीकर में एक नौ साल की बच्ची स्कूल में अचानक बेहोश हो गई थी और बाद में उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने उसकी मौत का कारणहार्ट अटैक बताया. इसी तरह से कर्नाटक के हासन जिले में 30 जून को एक ही दिन में दिल संबंधी समस्या से चार लोगों की अचानक मौत हुई थी. ये सभी मामले इस बात की ओर सीधा इशारा करते हैं कि भारतीयों के बीच हार्ट अटैक का खतरा दोगुना हो चुका है.

इन घटनाओं ने लोगों को चिंतित कर दिया है. यूं तो हार्ट अटैक किसी भी समय आ सकता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हार्ट अटैक के आने का कोई खास समय भी होता है? अगर नहीं तो  फिटनेस इन्फ्लुएंसर माही ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर बताया है कि दिन के कुछ खास समय में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है. चलिए जानते हैं ये समय कौन सा होता है.

क्या सुबह के ज्यादा आते हैं हार्ट अटैक?
रील में माही को कहते सुना जा सकता है कि हार्ट अटैक्स अक्सर सुबह 4 बजे से 8 बजे के बीच आते हैं. इसके पीछे बहुत से कारण होते हैं, जिनमें सुबह जल्दी उठने का स्ट्रेस, स्कूल या काम के लिए तैयार होना और शरीर में सुबह कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) लेवल बढ़ जाना शामिल हैं. कुछ लोगों में रात के समय ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या भी इसका कारण हो सकती है.

हार्ट अटैक के पड़ने के समय पर की गईं बहुत सी रिसर्च से पता चला है कि कुछ खास समय या हालात में दिल के दौरे ज्यादा पड़ते हैं.

सोमवार/मंडे: बेलफास्ट और आयरलैंड के रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स की रिसर्च में पाया गया कि सोमवार को गंभीर हार्ट अटैक (STEMI) 13% ज्यादा पड़ते हैं. वीकएंड पर रेस्ट करने के बाद काम और स्ट्रेस, हार्ट अटैक में बढ़ोतरी का कारण बन सकते हैं.

सर्दियों का मौसम: भारत में ठंड के मौसम में लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता है, प्रदूषण भी ज्यादा रहता है और लोग फिजिकल एक्टिविटी भी कम कर पाते हैं. इन्हीं वजहों से सर्दियों में हार्ट अटैक 33% ज्यादा पड़ते हैं.

छुट्टियां: क्रिसमस और नए साल के दौरान भी घातक हार्ट अटैक बढ़ जाते हैं. इसका कारण अक्सर स्ट्रेस, अनेल्दी खाने-पीने की आदतें और समय पर इलाज न मिलना होता है.

दिन का समय हार्ट अटैक को कैसे करता है प्रभावित?
रिसर्च बताती हैं कि आपके शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक हार्ट अटैक के खतरे को प्रभावित कर सकती है. क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी, लंदन की एक स्टडी में पाया गया कि सुबह के समय ब्लड में कुछ प्रोटेक्टिव मॉलिक्यूल्स कम होते हैं, जिससे खून में थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है.

लेकिन नई स्टडी दिखाती है कि ये हर किसी के लिए एक जैसा नहीं होता. आपकी रोजाना की आदतें, लाइफस्टाइल और हेल्थ कंडीशन इस पर असर डालती हैं.  

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मुंबई के ग्लेनीगल्स अस्पताल के मुख्य हार्ट सर्जन, डॉ. स्वरूप स्वराज पाल के अनुसार, वायरल रील में कही गई बात में थोड़ी बहुत सच्चाई है.

सुबह 3 बजे से 6 बजे के बीच हार्ट अटैक होने की संभावना ज्यादा होती है. इस समय शरीर में कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) बढ़ जाता है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. रात भर शरीर में रहने वाली पानी की कमी खून को गाढ़ा कर देती है, जिससे आर्टरीज में थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है. जिन लोगों को स्लीप एपनिया, हाई ब्लड प्रेर, डायबिटीज, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल होता है उनके लिए खतरा ज्यादा रहता है.

ठंडा मौसम और मौसम में होने वाले बदलाव भी खतरे को बढ़ाते हैं, क्योंकि ठंडी हवा से ब्लड वेसल्स संकरी हो जाती हैं और दिल पर दबाव बढ़ता है. हालांकि, डॉ. पाल कहते हैं कि सोने से पहले सिर्फ आधा गिलास पानी पीने से दिल का दौरा नहीं रोका जा सकता, लेकिन हाइड्रेटेड रहना आपकी मदद कर सकता है. 

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