मामी-भांजे का इश्क और पति का कत्ल... कानपुर में 12 KG नमक से सच को दफनाने की साजिश

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कानपुर में प्रेम और विश्वासघात की ऐसी खौफनाक कहानी सामने आई है, जिसे सुनकर लोग दंग रह गए. यहां एक पत्नी ने अपने भांजे के साथ अवैध संबंधों को छुपाने और रास्ते की रुकावट हटाने के लिए अपने ही पति की हत्या कर दी. इसके बाद शव को बगीचे में दफनाया गया और उस पर 12 किलो नमक डालकर सच को मिट्टी में दबाने की साजिश रची गई.

बच्चे जब पूछते रहे पापा कहां हैं ? वह बहाने बनाती रही पापा गुजरात गए हैं. लेकिन लगभग 311 दिन बाद नमक से ढका हुआ यह राज आखिरकार पुलिस की खुदाई से बाहर आ ही गया. वो भी बुज़ुर्ग मां की जिद ने इस सच का पर्दाफाश कर दिया.

मामी-भांजे का नापाक रिश्ता

सचेंडी के लालपुर गांव की रहने वाली लक्ष्मी के रिश्ते में एक भांजा अमित आता था. धीरे-धीरे दोनों के बीच ऐसा रिश्ता बना जिसने रिश्तों की पवित्रता को कलंकित कर दिया. यह प्रेम इतना गहरा हुआ कि लक्ष्मी ने अपने पति शिवबीर सिंह को ही रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया. 30 अक्टूबर 2024… वह दिन जब पूरे देश में छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी और यमराज के नाम का दीप जलाया जा रहा था. लेकिन उसी रात लक्ष्मी ने अपने पति को मारने की साजिश रची. लक्ष्मी ने चाय में नशीली दवा मिलाकर पति को पिलाई. जैसे ही शिवबीर बेसुध हुआ, लक्ष्मी और भांजे अमित ने मिलकर लोहे की रॉड से उसके सिर पर वार किए. कुछ ही मिनटों में शिवबीर की सांसें थम गईं.

12 किलो नमक का खेल

हत्या के बाद दोनों ने आधी रात को घर के पास बगीचे में गड्ढा खोदा. शव को गड्ढे में डालकर उस पर 12 किलो नमक डाला गया ताकि बॉडी जल्दी गल-सड़ जाए और सबूत मिट जाए. फिर मिट्टी डालकर गड्ढा बंद कर दिया गया. सुबह जब बच्चे उठे और पिता के बारे में पूछा तो लक्ष्मी ने कह दिया, तुम्हारे पापा काम पर गुजरात चले गए हैं. उस दिन से लेकर महीनों तक यही झूठ बच्चों और परिवार को सुनाती रही.

मां का शक और पुलिस की लापरवाही

शिवबीर की मां सावित्री देवी को शुरू से ही बहू और भांजे के रिश्ते पर शक था. जब बेटा अचानक गायब हुआ और फोन भी बंद हो गया तो उन्होंने थाना चौकी का दरवाजा खटखटाया. लेकिन पुलिस ने 'गुजरात चला गया होगा' कहकर मामला टाल दिया. सावित्री देवी थाने से लेकर पुलिस अधिकारियों के दफ्तर तक चक्कर लगाती रहीं. बेटे की गुमशुदगी की एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई.

311 दिन बाद खुला राज

करीब 10 महीने बाद, 19 अगस्त 2025 को सावित्री देवी ने हार न मानते हुए सीधे पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की. तब जाकर सचेंडी थाने में केस दर्ज हुआ. पुलिस ने जांच शुरू की और सबसे पहले लक्ष्मी के मोबाइल की कॉल डिटेल्स निकालीं. उसमें खुलासा हुआ कि पति के गुम होने के बाद से वह लगातार भांजे अमित से बात कर रही थी. जब अमित को उठाया गया और कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने सब उगल दिया. फिर लक्ष्मी को थाने बुलाकर पूछताछ की गई और उसने भी अपना गुनाह कबूल कर लिया.

शव बरामदगी और पुलिस की कार्रवाई

लक्ष्मी की निशानदेही पर पुलिस ने उसी बगीचे में खुदाई कराई जहाँ शव को दफनाया गया था. करीब 311 दिन बाद जमीन से हड्डियाँ, कपड़े और अन्य सामान बरामद हुए. मृतक के कपड़ों की पहचान उसके बेटे ने की. फॉरेंसिक जांच के लिए अवशेष भेजे गए हैं. पुलिस ने लक्ष्मी और अमित दोनों को गिरफ्तार कर लिया है.

परिवार का दर्द और आंसू

मृतक की बहन ने थाने में फूट-फूटकर रोते हुए कहा कि भाभी, आपने मेरे भाई को क्यों मारा? उसका क्या कसूर था? वहीं मां सावित्री देवी बदहवास हालत में सिर्फ यही कहती रहीं मेरा इकलौता बेटा था. मैंने पुलिस से बार-बार कहा, पर किसी ने मेरी नहीं सुनी.

कानूनी कार्रवाई होगी

पनकी एसीपी शेखर कुमार ने कहा कि लक्ष्मी के अपने भांजे से अवैध संबंध थे. इसी कारण उसने अपने पति की हत्या की और शव को बगीचे में दबा दिया. आरोपी महिला और उसका भांजा गिरफ्तार कर लिए गए हैं. आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

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