बहुत से जिम जाने वाले लोग सोचते हैं कि ज्यादा एक्सरसाइज करने से मसल्स तेजी से बढ़ेंगे. लेकिन Men's Health की रिसर्च यह बताती है कि मसल ग्रोथ के लिए जरूरी नहीं कि आप जिम में घंटों बिताएं, इसके लिए सही एक्सरसाइज करना जरूरी है. अगर आप सही एक्सरसाइज को कम समय के लिए भी करते हैं तो आपको उसका फायदा मिलेगा. मसल्स के बढ़ने की प्रक्रिया जिसे हाइपरट्रॉफी कहते हैं, यह एक तरह का नंबर गेम है. सही तरीके से काम करने से न केवल अच्छे रिजल्ट मिलते हैं बल्कि जिम में आप बेकार समय बिताने से बच सकते हैं.
कितनी एक्सरसाइज करना है काफी?
जो लोग मसल बिल्डिंग पर फोकस करते हैं, उनके लिए हफ्ते में हर मसल ग्रुप के लिए कम से कम तीन एक्सरसाइज करना अच्छा माना जाता है. ये एक सिंगल सेशन में हो सकता है या फिर फुल-बॉडी ट्रेनिंग के दौरान अलग-अलग दिनों में बांटा जा सकता है. बड़े मसल ग्रुप जैसे पैर और पीठ के लिए यह तरीका फायदेमंद होता है, जबकि छोटे मसल्स जैसे बाइसेप्स, ट्राइसेप्स, और कंधों के लिए एक या दो एक्सरसाइज ही बहुत होती हैं. Men's Health के फिटनेस डायरेक्टर एबनेज़र सैमुअल के मुताबिक, कुल सेट की संख्या हफ्ते के हिसाब से 10 से 20 के बीच होनी चाहिए, जो लगभग तीन से छह एक्सरसाइज के बराबर होती है.
सही एक्सरसाइज चुनना क्यों जरूरी है?
मसल ग्रोथ के लिए सही एक्सरसाइज चुनना बहुत जरूरी होता है. शुरुआत में एक कंपाउंड मूवमेंट करें, जिससे मसल पूरी तरह सिकुड़े और फैल सके. उदाहरण के लिए, क्वाड्स के लिए बारबेल बैक स्क्वाट सबसे अच्छा है. फिर दूसरे एक्सरसाइज में मूवमेंट के एंगल या ताकत के लेवल को बदलें, जैसे साइड स्क्वाट, लेग प्रेस, या फ्रंट-लोडेड स्क्वाट. उसके बाद, एक बॉडीवेट एक्सरसाइज करें जैसे पिस्टल स्क्वाट, जो वजन वाले मूव्स से भी ज्यादा मुश्किल हो सकता है. शुरुआत में इसे आसान बनाने के लिए आप सपोर्ट का सहारा ले सकते हैं.
वेरिएशन क्यों जरूरी है
कंसिस्टेंसी के साथ-साथ वेरिएशन भी जरूरी है. हफ्ते में हर मसल ग्रुप को अलग-अलग तरीकों से एक्टिव करने से मसल ग्रोथ बढ़ती है, और वर्कआउट्स को मजेदार बनाया जा सकता है. इस स्ट्रक्चर्ड तरीके को अपनाने से हर सेट और एक्सरसाइज मसल डेवलपमेंट में सही योगदान देती है.
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