SUV, हैचबैक या हाइब्रिड? GST में छूट के बाद इस दिवाली कौन सी कार लाएं घर! समझें गणित

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GST Cut on Cars: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बीती रात देश को दिवाली की बड़ी सौगात देते हुए जीएसटी स्लैब में तगड़े बदलाव का ऐलान किया है. पहले के चार स्लैब के बजाय अब केवल दो जीएसटी स्लैब (5% और 18%) ही रहेंगे. दिल्ली में होने वाली जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गएं, जिसे कई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में भारी कटौती होगी. 

इसका सीधा असर कार और बाइक्स पर भी पड़ेगा, क्योंकि साइज और इंजन क्षमता के अनुसार कई वाहनों को 28% जीएसटी के दायरे से निकालकर केवल 18% के स्लैब में कर दिया गया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, ये नया जीएसटी स्लैब आगामी 22 सितंबर से लागू होगा. तो यदि आप भी इस दिवाली कोई कार या बाइक घर लाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आइये जान लें कि, आपके लिए कौन सी कार या बाइक उपयुक्त होगी. 

छोटी और लग्ज़री कारों पर GST

गुड्स एंड सर्विस टैक्स में हुए इस सुधार के नियम के अनुसार छोटी कारें, जिनमें 1200 सीसी तक के पेट्रोल इंजन, 1500 सीसी तक के डीजल इंजन और 4 मीटर से कम लंबाई वाली कारें शामिल हैं, उन पर अब केवल 18% जीएसटी लगेगा, जो पहले 28% था.  देश में कई हैचबैक, कॉम्पैक्ट एसयूवी और सेडान कारें हैं जो 18% दायरे में आएंगी. जिसमें मारुति सुजुकी का पोर्टफोलियो सबसे तगड़ा है. इस लिस्ट में मारुति स्विफ्ट, वैगनआर, बलेनो, इग्निस, ब्रेजा, हुंडई वेन्यू, आई10, आई20, ऑरा, किआ सॉनेट, टाटा नेक्सन, पंच, टिगोर और टिएगो जैसी कारें शामिल हैं. इन गाड़ियों की कीमतों में 5-10% की कमी आने की उम्मीद है. 

हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों पर GST

बड़े हंजन के साथ आने वाली हाइब्रिड कारें, जैसे टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस हाइब्रिड की खरीदारी नए नियम के मुताबिक महंगी होने वाली है. हालांकि ऐसी हाइब्रिड कारें जो 1500 सीसी इंजन और 4 मीटर से कम लंबी हैं उन पर 18% जीएसटी लागू होगा. लेकिन ऐसे वाहन जो इन मानदंडों से (इंजन और लंबाई) से बाहर हैं उन्हें 40% कर स्लैब में डाल दिया गया है, जिससे बड़ी हाइब्रिड कारें महंगी होंगी. दूसरी ओर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के जीएसटी स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ये पहले की ही तरह 5% वाले स्लैब में ही आएंगी. 

लग्ज़री कारों पर खर्च होगी मोटी रकम

वहीं दूसरी ओर बड़ी एसयूवी और लग्ज़री गाड़ियाँ, जिनका इंजन 1500 सीसी से ज़्यादा, लंबाई 4 मीटर से ज़्यादा और ग्राउंड क्लीयरेंस 170 मिमी से ज़्यादा है, उन पर अब 40% जीएसटी और साथ ही 22% तक का सेस भी लगेगा. पहले इन पर 28% जीएसटी और साथ ही तगड़ा सेस भी लगाया जाता था. अगर पिछला कुल टैक्स नई दर से मेल खाता है, तो कुछ मॉडलों में मामूली बदलाव देखने को मिल सकते हैं, लेकिन कई गाड़ियाँ ज़्यादा महंगी हो सकती हैं.

आम ग्राहक को कितना लाभ

इसमें कोई दो राय नहीं है कि, जीएसटी को लेकर किए गए इस बदलाव से छोटे कार खरीदारों को तगड़ा लाभ मिलेगा. क्योंकि एंट्री लेवल हैचबैक, कॉम्पैक्ट सेडान और कॉम्पैक्ट एसयूवी सेग्मेंट में सबसे ज्यादा खरीदारी होती है. देश में सबसे ज्यादा लोग 1.2 लीटर और 1.5 लीटर इंजन क्षमता वाली गाड़ियों को खरीदते हैं. ऐसे में इस दिवाली कार खरीदारी का मजा दोगुना हो सकता है. एक तरफ जीएसटी कट और दूसरी ओर फेस्टिव सीजन में मिलने वाले ऑफर्स, आम लोगों की जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम करने में पूरी मदद करेंगे.

छोटी कारों को मिलेगा नया जीवन

बीते कुछ सालों में जीएसटी टैक्स और अनिवार्य होते सेफ्टी फीचर्स के चलते छोटी कारों की कॉस्टिंग और कीमत दोनों काफी बढ़ गई थी. देश की सबसे सस्ती कार Maruti Alto K10 की दिल्ली में ऑनरोड कीमत भी तकरीबन 5 लाख रुपये हो चली थी. ऐसे में लोग छोटी कारों में मोटा पैसा खर्च करने के बजाय कॉम्पैक्ट एसयूवी सेग्मेंट की तरफ भाग रहे थें. 

छोटी कारों की घटती बिक्री को लेकर मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने भी चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि, "कार मार्केट का एक बड़ा सेग्मेंट अब ग्रो नहीं कर रहा है. ऑटो सेक्टर की कुल ग्रोथ तभी होती है जब हर सेग्मेंट ग्रो कर रहा हो."  

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