लखनऊ में नीट यूजी 2025 में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए एडमिशन दिलाने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि यहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर 71 अभ्यर्थियों को एडमिशन दिलाया गया.
आपको बता दें कि प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में राज्य कोटे के तहत नीट यूजी की 4442 सीट हैं. ऐसे में 2 फीसदी आरक्षण के तहत 88 सीट स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित के लिए थी. 79 सीट ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिए आवंटित की गई. जिनमें 71 अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया.
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इस जिले में मिले इतने फर्जी प्रमाण पत्र
प्रवेश प्रक्रिया के दौरान फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज में एक अभ्यर्थी के फर्जी प्रमाण पत्र लगाने की आशंका हुई. जिसके बाद आगरा के डीएम से जांच कराई गई. 21 अगस्त को डीएम आगरा ने प्रमाण पत्र फर्जी होने की रिपोर्ट भेज दी.
मामला पकड़ में आने के बाद अन्य मेडिकल कॉलेज में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित का प्रमाण पत्र लगाने वाले अभ्यर्थियों की जांच की गई. जिसके बाद आगरा, गाजीपुर, बलिया, भदोही, मेरठ, सहारनपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद और बुलंदशहर के डीएम से जारी किए गए प्रमाण पत्र की रिपोर्ट मांगी गई.
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इन जिलों से आई रिपोर्ट में 64 प्रमाण पत्र फर्जी मिले. जांच में पता चला सबसे ज्यादा 15 प्रमाण पत्र मेरठ से जारी हुए. जबकि सहारनपुर और बलिया से 12/ 12 प्रमाण पत्र, भदोही गाजीपुर से 9/9, वाराणसी से तीन, गाजियाबाद से दो, आगरा और बुलंदशहर से एक-एक प्रमाण पत्र फर्जी जारी किया गया.
फर्जी प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों का एडमिशन कैंसिल
जांच के बाद चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के काउंसलिंग बोर्ड ने फर्जी प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों का एडमिशन कैंसल कर दिया है. डीजीएमई किंजल सिंह ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाने वाले अभ्यर्थियों पर एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं. साथ ही साल 2024 में भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित का प्रमाण पत्र लगाकर एडमिशन लेने वालों की भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
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