ये आदतें मांसपेशियों की ताकत को फिर से बना सकती हैं 30 जैसा

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क्या आप भी 50 की उम्र के बाद अपनी मांसपेशियों की ताकत कम होती हुई महसूस कर रहे हैं? छोटी-छोटी चीजें जैसे सीढ़ियां चढ़ना, सामान उठाना या थोड़ा लंबा वॉक करना अब आपको मुश्किल लगने लगा है? 

असल में, 45 से 50 की उम्र के बाद हमारे शरीर की मांसपेशियां प्राकृतिक रूप से कमजोर होने लगती हैं, जिसे ‘सार्कोपीनिया’ कहते हैं. अगर हम इस उम्र के बाद एक्टिव नहीं रहेंगे, तो हर 10 साल में करीब 20 से 25 फीसदी मांसपेशियां कम हो सकती हैं. और जब मांसपेशियां कमजोर होती हैं, तो दैनिक काम भी मुश्किल हो जाते हैं. लेकिन सही तरीके से मांसपेशियों को मजबूत बनाया जाए तो इसके कई फायदे होते हैं. इससे जोड़ों को सपोर्ट मिलता है, मेटाबॉलिज्म तेज होता है, डायबिटीज का खतरा घटता है और जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है. 

तो मांसपेशियों को मजबूत रखने के लिए तीन मुख्य चीजें जरूरी हैं – रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी, स्ट्रेंथ बिल्डिंग एक्सरसाइज और बैलेंस डाइट.

बात करते हैं डाइट की. मांसपेशियों के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व है प्रोटीन. प्रोटीन हमारी मांसपेशियों का निर्माण करता है. इसलिए दिन में एक से 1.2 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो वजन के हिसाब से लेना चाहिए. उदाहरण के लिए, अगर आपका वजन 60 किलो है, तो लगभग 60 से 72 ग्राम प्रोटीन रोजाना ज़रूरी है. प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं दालें (अरहर, मूंग, मसूर, चना, राजमा), दूध, दही, पनीर, छाछ, सोयाबीन, अंडे, मछली और मीट. इसके साथ ही विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स भी जरूरी हैं, जो मसल्स की रिकवरी और सही काम करने में मदद करते हैं. इसलिए अपनी प्लेट में रंग-बिरंगी सब्जियां और फल जरूर शामिल करें. साथ ही सुबह की धूप लेना विटामिन डी के लिए जरूरी है.

सबसे जरूरी है एक्सरसाइज. मांसपेशियों को बनाए रखने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग ही सबसे असरदार है. सिर्फ वॉक या साइकिल चलाना पर्याप्त नहीं होता. आपको अपनी मांसपेशियों को किसी न किसी प्रकार के रेजिस्टेंस के खिलाफ काम करना होगा. यह रेजिस्टेंस आपके अपने शरीर का वजन हो सकता है, डंबल्स, रेजिस्टेंस बैंड्स या घर की हल्की चीजें जैसे पानी की बोतलें भी हो सकती हैं.

घर पर भी आप कई आसान एक्सरसाइज कर सकते हैं. जैसे चेयर स्क्वाट्स (कुर्सी पर बैठकर उठना), वॉल पुश-अप्स (दीवार के सहारे पुश-अप्स), हील राइज (पैरों के पंजों पर उठना), लेग लिफ्ट्स आदि. अगर आप जिम नहीं जा पाते हैं तो ये एक्सरसाइजस आपके लिए बेहद उपयोगी हैं. ध्यान रहे कि एक्सरसाइज से पहले वार्म-अप जरूर करें ताकि चोट न लगे.

अगर आपको गठिया या जोड़ में दर्द है, तो स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शाम को करना बेहतर होता है क्योंकि तब जोड़ों की अकड़न कम होती है. शुरुआती दिनों में हल्का दर्द या अकड़न नॉर्मल है, लेकिन तेज दर्द हो तो एक्सरसाइज बंद कर दें या फिर हल्का वेट इस्तेमाल करें.

इसके अलावा आयुर्वेद में भी मांसपेशियों को मजबूत बनाने के कई नुस्खे हैं. जैसे अश्वगंधा जो ताकत और सहनशीलता बढ़ाता है, हल्दी जो सूजन कम करती है, अदरक जो दर्द घटाता है, सहजन के पत्ते जो प्रोटीन और विटामिन्स से भरपूर हैं, और मेथी दाना जो मेटाबॉलिज्म सुधारता है.

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