VIP के जवाब में VVIP... मुकेश सहनी से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले प्रदीप निषाद की कहानी उन्हीं की जुबानी

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बिहार में चुनावी बिगुल बजने का इंतजार है. राजनीतिक दल पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में जुटे हैं. क्षेत्रीय दल जहां अपने पत्ते खोल रहे हैं, वहीं कुछ नए चेहरे और पार्टियां नए राजनीतिक समीकरण के साथ उभर रही हैं. हाल ही में बिहार में नई पार्टी VVIP (विकास वंचित इंसान पार्टी) राजनीतिक मैदान में उतरी है. 

माना जा रहा है कि यह पार्टी मुकेश सहनी की 'वीआईपी' (विकालशील इंसान पार्टी) को टक्कर देने के इरादे से बनाई गई है. सहनी निषाद समाज के एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और दिलचस्प बात यह है कि VVIP के संस्थापक प्रदीप निषाद कभी उन्हीं की पार्टी में हुआ करते थे. अब उन्होंने अलग राह पकड़ते हुए 'वीआईपी' के जवाब में 'वीवीआईपी' की नींव रखी है. 

आइए जानते हैं- कौन हैं प्रदीप निषाद? और उन्होंने क्यों वीवीआईपी पार्टी बनाई...

बिहार में प्रदीप निषाद हेलिकॉप्टर बाबा के नाम से चर्चित हैं. निषाद ने अपनी पार्टी का ऐलान 28 जून को पटना में किया. उन्होंने कहा, हमारी पार्टी का उद्देश्य दलित, शोषित, महादलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यकों को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक हक दिलाना है. VVIP निषाद समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में बांधकर रखेगी और उनके अधिकार की लड़ाई लड़ेगी. युवाओं और महिलाओं को पार्टी नेतृत्व में विशेष जगह दी जाएगी.

यूपी के रहने वाले हैं प्रदीप निषाद

मल्लाह समाज से आने वाले प्रदीप निषाद उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले हैं और कभी मुकेश सहनी के बेहद करीबी रहे हैं. हालांकि, दोनों के बीच यूपी चुनाव से ठीक पहले साल 2021 में दूरियां बढ़ गईं. प्रदीप कहते हैं कि वे साल 2017 से 2021 तक वीआईपी में रहे. सहनी ने भरोसा दिया था कि यूपी में तैयारी करो, वहां दमखम से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन फिर उन्होंने ध्यान नहीं दिया.

'मान-सम्मान नहीं मिला तो...'

प्रदीप कहते हैं कि मैं मुकेश का निजी सहायक रहा और पार्टी की जिम्मेदारी संभाली. लेकिन मान-सम्मान नहीं मिला तो पार्टी छोड़ दी. मुकेश वन मैन बनना चाहते हैं. वे पार्टी में किसी की नहीं सुनते. कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान करना नहीं जानते. जब यह अच्छा नहीं लगा तो अलग हो गया और सामाजिक न्याय नवलोक पार्टी से जुड़ गया. यूपी का प्रदेश अध्यक्ष रहा. चूंकि, बिहार से लगाव बना रहा, इसलिए सोचा कि जब राजनीति ही करनी है तो क्यों ना अपनी पार्टी बनाएं.

'पहला चुनाव है, दमखम से उतरेंगे...'

बिहार चुनाव को लेकर प्रदीप कहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे. बिहार में मेरी पार्टी का पहला चुनाव है. हमें ताकत दिखाना है. इसलिए किसी अलायंस का हिस्सा बनने का सवाल ही नहीं है. बिहार में जगह-जगह घूमा हूं. जमीनी पकड़ है. जिसे टिकट नहीं मिला, वो मेरे पास आएंगे. उन्होंने जल्द ही दो पूर्व मंत्री और दो पूर्व विधायकों के VVIP में शामिल होने का दावा किया.

'VIP में तीन लोग फैसले लेते हैं...'

बिहार में 11 प्रतिशत मल्लाह समाज के वोटर्स हैं और 101 सीटों पर प्रभाव रखते हैं. प्रदीप ने कहा, बिहार में निषाद समाज के साथ धोखा हुआ है. मुकेश बिहार सरकार में मंत्री रहे, लेकिन किसी को नौकरी नहीं दी. इनकी पार्टी में भाई संतोष राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. पत्नी कोषाध्यक्ष हैं. मुंबई में रहने वाले मैनेजर महासचिव हैं और यही तीनों मिलकर VIP से जुड़े फैसले लेते हैं. निषाद समाज के लोगों को बड़े पदों पर जगह नहीं दी गई. 

बताते चलें कि मुकेश सहनी की पार्टी VIP महागठबंधन का हिस्सा है और विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रही है. मुकेश सहनी को बिहार में सन ऑफ मल्लाह के नाम से भी पहचाना जाता है. वे आम चुनाव के प्रचार अभियान में तेजस्वी यादव के साथ सक्रिय रहे और मल्लाह जाति को आरक्षण देने के मुद्दे पर मुखरता से आवाज उठाते आए हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में VIP, NDA का हिस्सा थी और 13 सीटों पर चुनाव लड़ा था. मुकेश सहनी की पार्टी ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी और कुल 6,39,840 वोट हासिल किए थे. VIP ने अलीनगर, बोचहा, गौरा बौराम, साहेबगंज में चुनाव जीता था.

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