उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के मदरसों की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और व्यावसायिक रूप से सक्षम बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब मदरसों में भी छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी की पढ़ाई अनिवार्य रूप से करनी होगी. राज्य के मदरसों में 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए खेल-शारीरिक शिक्षा भी अनिवार्य की जाएगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 में संशोधन की तैयारी की जा रही है. इस बदलाव से छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाएगा.
मदरसों में बनेगी साइंस लैब
Hindustan Times की खबर के अनुसार, मदरसों में अब कंप्यूटर और विज्ञान की शिक्षा को भी ज़रूरी किया जा रहा है. सभी मान्यता प्राप्त मदरसों को कंप्यूटर और साइंस लैब बनानी होंगी ताकि छात्र तकनीकी और वैज्ञानिक समझ हासिल कर सकें. इससे वे आगे चलकर प्रतियोगी परीक्षाओं और करियर विकल्पों के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सकेंगे.
अनिवार्य होंगी NCERT की किताबें
शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कक्षा 1 से 3 तक एनसीईआरटी (NCERT) का और कक्षा 4 से 8 तक एससीईआरटी (SCERT) का पाठ्यक्रम अनिवार्य कर दिया जाएगा. इस बदलाव का उद्देश्य यह है कि मदरसा छात्र भी उन्हीं विषयों और स्तर की पढ़ाई करें जो राज्य और केंद्र सरकार के स्कूलों में लागू होती है.
मदरसों में छात्रों के लिए बनेंगी क्लासेस
भवन और बुनियादी ढांचे को लेकर भी नियम तय किए गए हैं. प्राथमिक स्तर के मदरसों में कम से कम 5 कमरे और जूनियर स्तर के लिए 8 कमरे अनिवार्य होंगे. इसके अलावा पुस्तकालय, शौचालय, फर्नीचर और पीने के पानी की सुविधा भी सुनिश्चित करनी होगी. इससे छात्रों को बेहतर और सुरक्षित शिक्षा वातावरण मिलेगा. शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने के लिए उन्हें आधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके साथ ही एक नया स्टाफिंग सिस्टम भी तैयार किया जाएगा जिसमें यह तय किया जाएगा कि किस स्तर के मदरसे में कितने शिक्षक होने चाहिए.
12वीं के छात्र पढ़ेंगे कृषि और कॉमर्स, डिजिटल होंगी मार्कशीट
कक्षा 12 के छात्रों को अब कृषि और वाणिज्य (कॉमर्स) की पढ़ाई का विकल्प भी मिलेगा. इसके अलावा खेल और शारीरिक शिक्षा को भी अनिवार्य किया जाएगा ताकि छात्रों का संपूर्ण विकास हो सके. ये विषय उन्हें भविष्य में स्वरोजगार और रोजगार की दिशा में बेहतर अवसर प्रदान करेंगे.साथ ही, मदरसा बोर्ड की मार्कशीट और प्रमाणपत्रों का डिजिटलीकरण किया जाएगा ताकि छात्रों को डिजिटल सुविधा मिल सके और दस्तावेज़ों का सत्यापन आसान हो सके. इससे पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी.
अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई बैठक में इन सभी बदलावों पर चर्चा हुई है और इन पर शीघ्र ही अमल शुरू किया जाएगा. इसके लिए एक विशेष समिति भी गठित की गई है जिसमें शिक्षा, कानून, वित्त और अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारी शामिल हैं.