अचानक होने वाले बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपचार

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कभी-कभी अचानक तबीयत खराब होना आम बात है, जैसे- बुखार, पेट दर्द, सिर दर्द, चोट लग जाना या जलना आदि. ऐसे समय में जब तुरंत डॉक्टर के पास जाना संभव न हो तो आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे आपके बहुत काम आ सकते हैं. ये नुस्खे आपको तुरंत राहत भी देते हैं और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं. तो चलिए जानते हैं उन आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में जिसे आप जरूरत के समय अपना सकते हैं.

उल्टी आने पर

आयुर्वेद के अनुसार, उल्टी आने पर इसे रोकने के लिए लौंग चबाना चाहिए, इसके लिए 2-3 लौंग को पानी में उबाल दें फिर इसे धीरे-धीरे पिएं. लौंग का एंटीमैटिक और कार्मिनेटिव गुण पेट को शांत करने और उल्टी आने से रोकने में मदद करते हैं.

चक्कर आना पर

जब कभी अचानक चक्कर आने जैसा महसूस हो तो सौंफ के बीजों को मिश्री के पाउडर के साथ मिलाकर पी लें. जहां सौंफ शरीर को ठंडक पहुंचाती है तो वहीं मिश्री शरीर में ग्लूकोज लेवल को बढ़ाती है.

छोटे-मोटे घाव में

हल्दी पाउडर को जब तिल के तेल के साथ गर्म किया जाता है तो यह एक तरह से दवा बन जाता है. जहां, हल्दी का करक्यूमिन बैक्टीरिया से लड़ता है तो वहीं गर्म तिल के तेल टिश्यू को बेहतर करता है, जिससे घाव जल्दी ठीक हो जाता है.

दांत दर्द होने पर

जब कभी अचानक दांत दर्द करें तो अदरक के रस को गर्म करके रूई की मदद से दर्द वाले दांत पर लगाएं. अदर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते है जो दांतों के दर्द को कम करने में मदद करता है.

कान दर्द में

अचानक कान दर्द में आयुर्वेद लहसुन के गर्म तेल डालने को कहता है. ध्यान रहें कि तेल हल्का गर्म हो ज्यादा नहीं.

जलने पर

हल्के जलने पर आप घी में एलोवेरा जेल मिलाकर लगा सकते हैं. जहां एलोवेरा जले स्थान पर ठंडक देगा तो वहीं घी कवच का काम करता है. 

पेट दर्द होने पर

जब कभी अचानक पेट दर्द हो तो अजवाइन में चुटकी भर नमक मिलाकर चबाएं. अजवाइन में थाइमोल  होता है,  जो गैस बनने से रोकता है और आंतों की ऐंठन को कम करता है.

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