प्रतिष्ठित मंदिर और धर्मार्थ ट्रस्ट जल्द ही भारत के वित्तीय बाजार में एक्टिव निवेशक बन सकते हैं. महाराष्ट्र राज्य सरकार ने 21 जुलाई 2025 से प्रभावी एक व्यापक सुधार के साथ पब्लिक ट्रस्टों के लिए अपनी कुल राशि का 50 फीसदी तक म्यूचुअल फंड और बाजार से जुड़ी इक्विटीज में निवेश करने के दरवाजे खोल दिए हैं.
दशकों तक सार्वजनिक ट्रस्ट, चाहे वे धार्मिक संस्थाएं हों, सामाजिक कल्याण संगठन हों या फिर एजुकेशन चैरिटी संस्था हों... सावधि जमा (FD) और डाकघर योजनाओं जैसे पारंपरिक साधनों में निवेश तक ही सीमित थे. लेकिन अब ये स्थिति बदल चुकी है और राज्य सरकार ने म्यूचुअल फंड और बॉन्ड में निवेश की अनुमति दे दी है.
महाराष्ट्र सरकार का बड़ा कदम
महाराष्ट्र के चैरिटी कमिश्नर ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत ट्रस्टों को अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने की मंजूरी दी है. यह कदम ट्रस्ट फंड मैनेजमेंट प्रथाओं को समकालीन निवेश रणनीतियों के साथ अनुपालन निगरानी बनाए रखते हुए पूंजी बढ़ाने की क्षमता देती है. नए निर्देश के तहत सार्वजनिक ट्रस्ट अब इन जगहों पर निवेश कर सकते हैं.
- कम से कम 65 प्रतिशत इक्विटी निवेश वाले म्यूचुअल फंड.
- सेबी द्वारा विनियमित डेट म्यूचुअल फंड
- BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी जैसे सूचकांकों पर नजर रखने वाले ETF
- सरकारी और कॉर्पोरेट लोन प्रतिभूतियां (न्यूनतम 3-वर्ष की परिपक्वता)
- 5,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के शेयर
इस गाइडलाइन के तहत नीति में लचीलापन के साथ ही जोखिम प्रबंधन पर भी जोर दिया गया है. निर्देश के तहत ट्रस्ट गाइडलाइन के तहत ही निवेश कर सकते हैं. जिसके तहत कहा गया है कि पात्र प्रतिभूतियों को कम से कम दो सेबी-रजिस्टर्ड क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों से न्यूनतम AA रेटिंग प्राप्त होनी चाहिए. जहां कई रेटिंग मौजूद हैं, वहां सबसे कम दो रेटिंग पर विचार किया जाएगा.
अरबों की पूंजी होगी अनलॉक
महाराष्ट्र राज्य के चैरिटी कमिश्नर कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 59,143 सार्वजनिक ट्रस्ट रजिस्टर्ड हैं. हालांकि उनके सामूहिक कोष के आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन बाजार एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये संस्थाएं सामूहिक रूप से कई हजार करोड़ रुपये की धनराशि का मैनेजमेंट करती हैं. एक्सपर्ट के कुछ अनुमानों के अनुसार, इस सुधार से समय के साथ निवेश योग्य परिसंपत्तियों में 5000 से 10000 करोड़ रुपये की ग्रोथ हो सकती है. यह कदम म्यूचुअल फंड, ETF और डेट बाजारों के लिए एक नया और बड़ा निवेशक आधार प्रदान करता है.
क्या अन्य राज्य में भी ये नियम लागू होंगे?
इस बदलाव में धर्मार्थ पूंजी के मैनेजमेंट के तरीके को नया रूप देने की क्षमता है, जिससे यह ज्यादा कुशल बनेगा और आधुनिक वित्तीय रणनीतियों के अनुरूप होगा, जबकि अभी भी रिस्क को लेकर नियमों का पालन किया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बाकी राज्य भी इन पहल का अनुसरण कर सकते हैं.
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