इजरायल का एकलौता अरबी दोस्त भी छोड़ रहा साथ, गाजा पर दे दी धमकी- 'हद पार की तो...'

3 days ago 1

इजरायल गाजा पर पूर्ण कब्जे के अपने प्लान को लेकर अरब के अपने एकलौते दोस्त संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से दूर होता जा रहा है. यूएई ने तो अब इजरायल को चेतावनी दे दी है कि अगर वो अपने गाजा प्लान के तहत वेस्ट बैंक को अपने में मिलाता है तो इसे रेड लाइन क्रॉस करना माना जाएगा. यूएई ने धमकी भी दी है कि इससे इजरायल के साथ संबंध सामान्यीकरण का समझौता अब्राहम अकॉर्ड भी प्रभावित होगा.

यूएई के एक वरिष्ठ अधिकारी लाना नुसेबेह ने कहा है कि इस तरह का कदम 'इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के टू-स्टेट समाधान के लिए मौत की घंटी' होगी. यूएई की तरफ से आए इस बयान का फिलिस्तीनी प्राधिकरण के विदेश मंत्रालय ने स्वागत किया है.

वहीं, इजरायली सरकार ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है. नुसेबेह की टिप्पणी इजरायल के दक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिक के उस प्रस्ताव के बाद आई है जिसमें वेस्ट बैंक के 4/5 हिस्से पर कब्जा करने की बात कही गई है.

प्रस्ताव पर नाराजगी जताते हुए नुसेबेह ने कहा, 'शुरू से ही हमने अब्राहम समझौते को फिलिस्तीनी लोगों के प्रति समर्थन और स्वतंत्र राज्य की उनकी इच्छा को सक्षम बनाने के एक तरीके के रूप में देखा है. वेस्ट बैंक को अपने में मिलाना हमारे लिए रेड लाइन होगी और हम इसे हद पार करना मानेंगे.'

इससे अब्राहम समझौते पर पड़ने वाले प्रभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'यह समझौतों के नजरिए और भावना को गंभीर रूप से कमजोर करेगा और क्षेत्रीय एकीकरण की कोशिश को खत्म कर देगा.

इससे कुछ घंटे पहले, धुर-दक्षिणपंथी नेता स्मोट्रिक ने यरुशलम के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि विलय का समय आ गया है. उन्होंने कहा, 'देश को बांटने और इसके बीच में आतंकवादी राज्य स्थापित करने के विचार को हमेशा के लिए त्याग दिया जाना चाहिए.'

उन्होंने एक मैप भी दिखाया जिसके बारे में उन्होंने कहा कि मैप रक्षा मंत्रालय के सेटलमेंट एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से है जिसमें लगभग 82% क्षेत्र पर इजराइली संप्रभुता लागू करने का प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि यह इजरायल के 'Maximum land with minimum Arabs' के सिद्धांत के अनुरूप है. बाकी के 18% क्षेत्र में छह फिलिस्तीनी शहरों - जेनिन, तुलकार्म, नब्लस, रामल्लाह, जेरिको और हेब्रोन बसे हुए हैं 

1967 के अरब-इजरायल युद्ध में वेस्ट बैंक पर इजरायल ने किया था कब्जा

इजरायल ने 1967 के इजरायल-अरब युद्ध के दौरान वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था. कब्जे के बाद से वहां इजरायल ने लगभग 160 बस्तियां बनाई हैं जिनमें 7,00,000 यहूदी रहते हैं. लेकिन फिलिस्तीनी राष्ट्र की परिकल्पना में इजरायल के कब्जे वाले ये इलाके शामिल हैं. फिलिस्तीनी गाजा और इन इलाकों को मिलाकर भविष्य का अपना राष्ट्र चाहते हैं.

अनुमान है कि 33 लाख फिलिस्तीनी इन बस्तियों में रहते हैं. अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इजरायल की बसाई हुई बस्तियां अवैध हैं.

मध्य-पूर्व में होते हुए भी इजरायल को अरब देशों ने लंबे समय तक अलग-थलग कर रखा था. लेकिन इजरायल के करीबी सहयोगी अमेरिका की लंबी कोशिशों के बाद अरब के कुछ देशों ने इजरायल के साथ अपने संबंधों को सामान्य किया. अमेरिका की मध्यस्थता में 2020 में अब्राहम समझौते के तहत यूएई, बहरीन और मोरक्को ने इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए.

क्या अब्राहम समझौते की शर्तों को तोड़ रहा इजरायल?

अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर के लिए यूएई ने कुछ शर्तें रखी थीं. उनमें एक प्रमुख शर्त यह थी कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों, जिनमें बस्तियां और जॉर्डन घाटी शामिल हैं, को अपने में मिलाने की अपनी योजना को रोक दे.

नेतन्याहू ने उस समय कहा था कि वह इन योजनाओं को निलंबित करने पर सहमत हो गए हैं, लेकिन ये योजनाएं हमेशा के लिए खत्म नहीं की जाएंगी.

नेतन्याहू की गठबंधन सरकार के कई मंत्री लंबे समय से वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों या फिर पूरे हिस्से को इजरायल में मिलाने की वकालत करते हैं.

कई महीनों से यूएई-इजरायल के बीच चल रहा है तनाव

7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के बाद इजरायल ने गाजा पर हमले शुरू किए थे जो अब तक जारी हैं. इजरायली हमले में गाजा पूरी तरह तबाह हो चुका है और 61 हजार से अधिक लोगों की जान गई है.

गाजा में जिस तरह इजरायली हमले में आम लोगों की जान जा रही है, उसे लेकर उसकी काफी आलोचना हुई है. मानवाधिकार समूह और आलोचक इसे नरसंहार करार दे रहे हैं. सऊदी अरब समेत अरब देशों ने गाजा पर लगातार हमलों के लिए इजरायल की आलोचना की है लेकिन यूएई इस विषय पर अब तक मौन रहा है.

हमास से युद्ध शुरू होने बाद से, यूएई एकमात्र ऐसा अरब देश है जहां इजरायल के विदेश मंत्री का दौरा हुआ है. इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार गाजा में अस्थायी युद्धविराम होने से पहले जनवरी 2025 में यूएई गए थे.

लेकिन फिर इसी साल जुलाई में यूएई ने इजरायल के राजदूत योसी शेली को देश से निष्कासित कर दिया.  राजदूत को निकालने के बाद खबर आई कि इजरायल यूएई से अपने डिप्लोमैटिक स्टाफ और बाकी नागरिकों को भी निकलने के लिए कह रहा है.

इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) ने खाड़ी देशों में रहने वाले इजरायलियों के लिए यात्रा चेतावनी भी जारी की थी. परिषद ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए यूएई से अपने राजनयिक मिशन के अधिकांश स्टाफ और उनके परिवारों को निकालने का आदेश दिया था.

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