उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा द्वारा सख्त कार्रवाई का निर्देश देने के बाद बस्ती के अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. ऊर्जा मंत्री ने अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह की बिजली उपभोक्ता भरत पांडे (रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी) के साथ विद्युत आपूर्ति को लेकर हुई बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद त्वरित संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया था.
ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शम्भु कुमार ने बस्ती के अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. निलंबन अवधि के दौरान अधीक्षण अभियंता सिंह पूर्वांचल के प्रबंध निदेशक कार्यालय, वाराणसी से संबद्ध रहेंगे.
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प्रशांत सिंह को विद्युत आपूर्ति को लेकर फोन पर उपभोक्ता भरत पांडे से अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने, उपभोक्ता की शिकायत का निस्तारण न कराने तथा कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों में घोर लापरवाही बरतने के प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ यह सख्त कार्रवाई की गई. इस बीच ऊर्जा मंत्री ने विद्युत विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि उपभोक्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से मर्यादित व्यवहार न करने, कार्यों के प्रति उदासीनता एवं किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का तत्काल समाधान न करने वाले बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 'उपभोक्ता देवो भवः' की नीति को सर्वोपरि रखते हुए कार्य कर रही है. सरकार की मंशा सभी उपभोक्ताओं को निर्धारित शेड्यूल के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण एवं अनवरत विद्युत आपूर्ति देना है, इसमें किसी भी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चलेगी. पॉवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष से लेकर निचले स्तर तक के कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.
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ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास में बाधा बन रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी. अब लो वोल्टेज, बार-बार ट्रिपिंग, शटडाउन व अनावश्यक बिजली कटौती बर्दाश्त नहीं होगी. उन्होंने कहा कि विगत 03 वर्षों से विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए 26 हजार करोड़ रुपए से अधिक के कार्य कराए गए हैं. लेकिन कुछ कर्मचारियों की संवेदनहीनता और लापरवाही की बदौलत विद्युत विभाग के साथ राज्य सरकार की बदनामी हो रही है. उत्तर प्रदेश के विकास व उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी और इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं होगा.
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