कर्नाटक कांग्रेस में अंदरूनी कलह के संकेतों के बीच, राज्य के प्रभारी और पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला सोमवार को सभी विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगे. ये बैठकें इसलिए महत्वपूर्ण हो गई हैं, क्योंकि हाल ही में कई कांग्रेसी विधायकों ने अपनी ही सरकार के कामकाज पर असंतोष जताया है. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें फिर से शुरू हो गई हैं. सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में सहकारिता मंत्री के.एन राजन्ना ने हाल ही में सितंबर के बाद राज्य में क्रांतिकारी राजनीतिक घटनाक्रम का संकेत देते हुए टिप्पणी की थी.
पार्टी हलकों में मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बदलाव की भी चर्चा है. रणदीप सुरजेवाला के कर्नाटक आने के सवाल पर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, 'हां, वह आ रहे हैं... निश्चित रूप से बैठकें होंगी. उन्होंने (सुरजेवाला) सभी को सीधे सूचित कर दिया है. मुझे भी कार्यक्रम मिल गया है और मैं अपने सभी विधायकों को सूचित कर रहा हूं.' उन्होंने सुरजेवाला के दौरे और पार्टी विधायकों के साथ उनकी आमने-सामने की बैठकों की पुष्टि की.
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आलंद विधायक बीआर पाटिल ने हाल ही में आवास विभाग के तहत सार्वजनिक आवास के आवंटन में रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था. कागवाड़ विधायक राजू कागे ने विकास कार्यों और फंड जारी होने में देरी का हवाला देते हुए इस्तीफा देने का संकेत दिया, साथ ही दावा किया कि राज्य में प्रशासन पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. अपने ही विधायकों की इन टिप्पणियों से सत्तारूढ़ कांग्रेस को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है. विपक्षी दलों भाजपा और जद (एस) ने कांग्रेस सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और आवास मंत्री जमीर अहमद खान के इस्तीफे की मांग की है.
सिद्धारमैया ने बुधवार को नई दिल्ली से लौटने के बाद बीआर पाटिल और राजू कागे से मुलाकात की और कथित तौर पर उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा. रिपोर्टों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने सिद्धारमैया से मुद्दों को सुलझाने, विधायकों को विश्वास में लेने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी सरकार के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी न करे. सरकार के दो वर्ष पूरे होने के कारण सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए दबाव बढ़ रहा है. वहीं आधे-आधे कार्यकाल (ढाई-ढाई वर्ष) के सीएम फार्मूले के तहत डीके शिवकुमार समर्थक विधायक उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं.
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कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने एक बयान में कहा कि डीके शिवकुमार जल्द ही मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्होंने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही राजनीतिक चर्चा का विषय यह है कि डीके शिवकुमार को सीएम का ताज पहनाया जा सकता है. यह मुद्दा हाईकमान के दिमाग में भी है, जब सही समय होगा तो हाईकमान डीके शिवकुमार को मौका देगा ओर यह इस साल ही होगा. मैं गोलमोल बातें नहीं कर रहा हूं, मैं सीधे तौर पर कह रहा हूं. सीएम सिद्धारमैया के बेटे और कांग्रेस एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा, 'नेतृत्व परिवर्तन के बारे में बार-बार बयान आ रहे हैं क्योंकि कुछ समूह हैं जो मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. वे ही इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं. मुझे नहीं पता कि वे समूह कौन हैं. जिस दिन से सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने हैं, उन्हें हाईकमान से अपार समर्थन मिला है और यह समर्थन जारी है. यहां तक कि विधायक भी उनका समर्थन कर रहे हैं.'