कहां गया ईरान पर बमबारी करने निकला एक अमेरिकन B-2 बॉम्बर? गहराता जा रहा सस्पेंस

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ईरान पर हमला करने निकला अमेरिका का एक B-2 बॉम्बर अभी तक अपने अड्डे पर नहीं लौट पाया है. इस विमान को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस विमान को लेकर अमेरिकी रक्षा विभाग ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है. जबकि 23 जून को पेंटागन ने कहा था कि अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" के तहत ईरान के परमाणु साइट पर हमला करने के बाद अमेरिकी धरती पर वापस आ गए हैं. ये लड़ाकू विमान मिसौरी में व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस के पास उतरे हैं. 

लेकिन अब पता चला है कि इनमें से एक B-2 बॉम्बर के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है. 

गौरतलब है कि 21 जून को मिसौरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से बी-2 स्पिरिट बॉम्बर्स के दो ग्रुप ने उड़ान भरी. पहले ग्रुप में अज्ञात संख्या में बी-2 विमान प्रशांत महासागर के ऊपर पश्चिम की ओर उड़े. ये विमान संभवत: गुआम में मौजूद रणनीतिक एयरबेस की ओर बढ़ रहे थे, जबकि सात बी-2 विमानों का एक और समूह ईरानी परमाणु स्थलों पर बमबारी करने के लिए पूर्व की ओर उड़ गया.

सात बी-2 विमानों के दूसरे समूह ने ईरानी परमाणु स्थलों फोर्डो और नतांज पर सफलतापूर्वक बमबारी की. इन विमानों ने 14 जीबीयू-57 एमओपी बंकर बस्टर बम यहां गिराए. इस हमले में दोनों ही प्लांट तहस-नहस हो गए. इसके बाद 37 घंटे तक बिना रुके उड़ान भरने के बाद ये विमान अपने मूल बेस पर लौट आए. 

यूरेशियन टाइम्स के अनुसार हालांकि बी-2 विमानों के पहले समूह के बारे में अभी भी बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. इन विमानों का उद्देश्य ईरानियों को भ्रमित करना था. अब यह पता चला है कि इस ग्रुप में शामिल कम से कम एक बी-2 ने होनोलुलु में डैनियल के. इनौये अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की थी. इनौये एयरपोर्ट हवाई में हिकम एयर फोर्स बेस के पास स्थित है. 

ये स्टील्थ बॉम्बर यहां आज भी कई दिनों से फंसा हुआ है.

21 जून को जब ईरान-इजरायल युद्ध जारी था तो खबर आई कि बी-2 फाइटर विमानों का एक ग्रुप मिसौरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से पश्चिम की ओर उड़ान भर रहा था. इस बाबत रॉयटर्स ने कहा कि अमेरिका प्रशांत क्षेत्र में गुआम द्वीप पर बी-2 बमवर्षक विमानों को रखने जा रहा है, जो प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख अमेरिकी सैन्य चौकी है. यह सेंटर मुख्य रूप से एफ-22, सी-17 और केसी-135 के लिए घरेलू बेस के रूप में कार्य करता है. इस सेंटर से अमेरिकी सेना को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऑपरेशन में मदद मिलती है.

B2 Stealth bomber sitting alone and guarded in Honolulu International. Just captured this on the taxi out. No reports online of a B2 here. This is the closest I’ve been to one. @grok says: There are no reports of a B-2 stealth bomber currently stationed or “sitting” at Daniel… pic.twitter.com/jlPl3MwiNd

— David Martin (@Sir_DavidMartin) June 24, 2025

फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चला कि बी-2 स्पिरिट बमवर्षकों की कम से कम दो अलग-अलग उड़ानें कॉल साइन माइटी 11 और माइटी 21 का उपयोग करते हुए मिसौरी में व्हाइटमैन एयर फ़ोर्स बेस से रवाना हुईं. इन विमानों के साथ हवाई ईंधन भरने वाले टैंकर भी शामिल थे. 

अगली सुबह खबर आई कि अमेरिका ने बी-2 स्पिरिट्स का इस्तेमाल करके ईरानी परमाणु स्थलों पर बमबारी की है. लोगों को पता चला कि B-2 विमानों का पहला समूह प्रशांत महासागर के ऊपर पश्चिम की ओर उड़ा, तो दूसरा समूह अटलांटिक महासागर के ऊपर पूर्व की ओर उड़ा. 

B-2 का ये पहला समूह अमेरिका की चाल थी जो दुश्मन को भरमाने के लिए अपनाई गई थी. OSINT चैनलों ने इस पहले विमानों को रूट को लेकर खूब रिपोर्टिंग की और इस पर नजर रखी. लेकिन दूसरा समूह चुपचाप अपने मिशन पर जा रहा था. और यही असली मिशन भी था. 

OSINT चैनल पहले ग्रुप की रिपोर्टिंग कर रहे थे जबकि बी-2 विमानों का दूसरा ग्रुप चुपचाप अपना काम कर रहा था.  

अब खबर आई है कि प्रशांत महासागर की ओर उड़े विमानों में से एक अब तक हवाई अड्डे पर नहीं पहुंच पाया है. 

पूर्व पायलट डेविड मार्टिन ने होनोलुलु हवाई अड्डे पर फंसे बी-2 बमवर्षक विमान का एक छोटा वीडियो क्लिप पोस्ट किया है.

होनोलुलु हवाई अड्डे पर जिस फाइटर जेट ने लैंड किया है उसने कॉल साइन MYTEE 14 का इस्तेमाल किया था. 

इस लड़ाकू विमान ने किस तरह की इमरजेंसी के लिए लैंडिंग की अथवा इसकी मरम्मत में कितना समय लगेगा, इसके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है. 

विमानों की आवाजाही, तैनाती और पोस्चरिंग पर कमेंट नहीं

इस बी-2 बॉम्बर के बारे में TWZ नाम के वेबसाइट में भी एक रिपोर्ट छपी है. एयर फोर्स ग्लोबल स्ट्राइक कमांड के मीडिया ऑपरेशन के प्रमुख चार्ल्स हॉफमैन ने हवाई में B-2 के बारे में पूछे जाने पर TWZ को बताया, "हम सेना, विमान की आवाजाही, तैनाती या पोस्चरिंग पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे."

"एयर फोर्स ग्लोबल स्ट्राइक कमांड संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा चुने गए समय पर कहीं भी वैश्विक हमला करने की क्षमता रखता है. हमारी सेनाएं हमेशा अकेले काम करने या हमारे कई सहयोगियों और भागीदारों के साथ पूरी तरह से एकीकृत होने के लिए तैयार हैं."

B-2 बमवर्षकों को भारी रखरखाव की जरूरत

बता दें कि B-2 बमवर्षकों को भारी रखरखाव की आवश्यकता होती है. यह विमान अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं. USAF B-2 बेड़े का अधिकांश हिस्सा लगभग तीन दशक पुराना है. इन विमानों की जगह नए B-21 रेडर स्टील्थ लेंगे. 

बता दें कि अमेरिका ने केवल  21 बी-2 बॉम्बर ही बनाए थे. इनमें से केवल 19 बमवर्षक विमान बचे हैं. जबकि 2 विमान हादसे में खत्म हो गए हैं. 

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