कानपुर पुलिस कमिश्नरेट से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. शहर की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी जिन पुलिसकर्मियों पर होती है, उनमें से 161 जवान और अधिकारी बीते कई महीनों से ड्यूटी से नदारद हैं. इन पुलिसकर्मियों ने छुट्टियों के लिए आवेदन तो किया था, लेकिन निर्धारित समय पर वापस नहीं लौटे. विभाग की कई बार की कोशिशों के बावजूद जब इनका कोई अता-पता नहीं मिला, तो अब इन्हें ‘डिसलोकेट’ श्रेणी में डालकर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
कौन हैं ये 'गायब' पुलिसकर्मी
सूत्रों के अनुसार, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के चारों जोन, पुलिस लाइन, यातायात शाखा और कार्यालयों में तैनात कुल 161 पुलिसकर्मी पिछले कई हफ्तों और महीनों से बिना सूचना के अनुपस्थित हैं. इनमें कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जो सिर्फ कुछ दिनों से नहीं दिखे, जबकि कई तो तीन से छह महीने से गायब चल रहे हैं. इन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी पर वापसी के लिए विभाग द्वारा दो-दो बार उनके गृह जनपदों में पत्र भेजे गए, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया. विभागीय नियमों के अनुसार, छुट्टी समाप्त होने के बाद निर्धारित समय सीमा के भीतर ड्यूटी पर वापस आना अनिवार्य होता है. यदि कोई कर्मचारी तय अवधि के बाद भी बिना सूचना के अनुपस्थित रहता है, तो यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है.
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
इस बारे में पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि जो पुलिसकर्मी बिना पूर्व सूचना के लगातार ड्यूटी से अनुपस्थित रहते हैं, उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाती है. वर्तमान में अनुपस्थित कर्मियों को लेकर रिपोर्ट तैयार कर पुलिस मुख्यालय को भेज दी गई है. यदि जल्द ही संबंधित कर्मी वापस नहीं लौटते, तो उनके विरुद्ध निलंबन या सेवा समाप्ति जैसी कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पुलिस विभाग में छुट्टी लेना कभी आसान नहीं रहा है. कई बार पारिवारिक या स्वास्थ्य कारणों से पुलिसकर्मी मानसिक और सामाजिक दबाव में रहते हैं. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वे बिना सूचना दिए महीनों तक लापता रहें.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, जब फील्ड ड्यूटी पर पहले से ही स्टाफ कम हो, और ऊपर से इतने लोग गायब हो जाएं, तो शिफ्ट और फोर्स डिप्लॉयमेंट में दिक्कत आती है. कई बार एक पुलिसकर्मी को दो से तीन लोगों का काम करना पड़ता है.
अब क्या होगा आगे
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेज दी है, और संबंधित कर्मचारियों की सेवा फाइलें खंगाली जा रही हैं. विभाग का कहना है कि यदि संबंधित पुलिसकर्मी अब भी ड्यूटी पर नहीं लौटते, तो उनकी सेवा समाप्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
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