केरल में कोरोना को लेकर अलर्ट, स्वास्थ्य मंत्री बोलीं- लक्षण दिखें तो मास्क ज़रूर पहनें

8 hours ago 1

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय रैपिड रिस्पॉन्स टीम (RRT) की बैठक बुलाई गई, जिसमें रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई. इसमें कहा गया कि दक्षिण-पूर्व एशिया में Omicron JN1 के सब-वेरिएंट LF.7 और NB.1.8 तेजी से फैल रहे हैं. हालांकि, इनकी गंभीरता ज्यादा नहीं है, लेकिन तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता ज़्यादा है. इसलिए खुद की सुरक्षा सबसे ज़रूरी है.

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केरल में कोविड के नए केसों ने टेंशन बढ़ा दी है

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कोरोना ने एक बार फिर दस्तक दे दी है. इससे स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. वहीं, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, क्योंकि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और केरल में भी संक्रमण बढ़ने की संभावना जताई गई है. मई के महीने में राज्य में 182 कोविड मामलों की पुष्टि हुई, जिनमें से 57 केस कोट्टायम, 34 एर्नाकुलम, और 30 तिरुवनंतपुरम जिले से सामने आए.

स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय रैपिड रिस्पॉन्स टीम (RRT) की बैठक बुलाई गई, जिसमें रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई. इसमें कहा गया कि दक्षिण-पूर्व एशिया में Omicron JN1 के सब-वेरिएंट LF.7 और NB.1.8 तेजी से फैल रहे हैं. हालांकि, इनकी गंभीरता ज्यादा नहीं है, लेकिन तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता ज़्यादा है. इसलिए खुद की सुरक्षा सबसे ज़रूरी है. जहां भी इलाज हो, प्रोटोकॉल का पालन करें और उस अस्पताल में इलाज सुनिश्चित करें. मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि कुछ निजी अस्पतालों में कोविड-19 पाए जाने पर उन्हें रेफर करना ठीक नहीं है.

बैठक की बड़ी बातें

- जिन लोगों को सर्दी, गले में खराश, खांसी या सांस की तकलीफ है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए.

- बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग सार्वजनिक जगहों और यात्रा के दौरान मास्क जरूर पहनें.

- अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी मास्क अनिवार्य है.

- बेवजह अस्पताल ना जाएं, हाथों को बार-बार साबुन से धोने की सलाह दी गई है.

- जिन लोगों में लक्षण हैं, उनका कोविड टेस्ट कराया जाए.

- RTPCR किट्स और जरूरी सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

निपाह वायरस और अन्य बीमारियों पर भी चर्चा

बैठक में निपाह वायरस रोकथाम पर भी विशेष चर्चा हुई. नियंत्रण कक्ष को प्रोटोकॉल के अनुसार चालू रखने और सक्रिय निगरानी जारी रखने के निर्देश दिए गए. हालांकि वर्तमान में वायरल का कोई फैलाव नहीं है, इसलिए नियंत्रण जोन हटाने की सिफारिश की गई है.

मानसून से पहले चेतावनी

स्वास्थ्य विभाग ने आगाह किया कि मानसून के आगमन के साथ राज्य में डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस और जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए मैदानी स्तर पर गतिविधियों को तेज करने की जरूरत है, खासकर बारिश के चलते संक्रमण फैलने की आशंका है.

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