जापान में हाल ही में हुए ऊपरी सदन के चुनाव में दक्षिणपंथी पार्टी सैनसेटो (Sanseito) की परफॉर्मेंस चौंकाने वाली रही है. इस चुनाव में सिर्फ पांच साल पुरानी सैनसेटो पार्टी ने 14 सीटें जीती हैं. इससे पहले चुनाव में पार्टी सिर्फ एक सीट जीत पाई थी. इस सीट का सेहरा बंधा है सोहे कमिया के सिर पर, जिन्हें जापान का ट्रंप बताया जा रहा है.
संसद के ऊपरी सदन House of Counsillors के लिए 21 जुलाई को हुए चुनाव में सोहे कमिया की पार्टी सैनसेटो 14 सीटें जीतने में कामयाब रहीं. उच्च सदन में कुल 248 सीटें हैं लेकिन इस बार का चुनाव सिर्फ 125 सीटों पर लड़ा गया. सैनसेटो की जीत को चौंकाने वाला माना जा रहा है क्योंकि यह एक नई और धुर दक्षिणपंथी पार्टी है, जिसने कम समय में अप्रत्याशित रूप से लोकप्रियता हासिल की है.
सोहे कमिया (Sohei Kamiya) के नेतृत्व वाली सैनसेटो ने जीत हासिल की है. सोहे को जापान का ट्रंप बताया जा रहा है क्योंकि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका फर्स्ट की तर्ज पर जापान फर्स्ट (Japan First) का नारा दिया है. सोहे की नीतियां राष्ट्रीयता, इमिग्रेशन का विरोध और जापान की सांस्कृतिक पहचान को प्राथमिकता देने पर केंद्रित हैं, जो ट्रंप की नीतियों के समान हैं.
सोहे कमिया खुद भी सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वह डोनाल्ड ट्रंप की बोल्ड और बेबाक छवि से प्रभावित हैं और उन्हें अपना आदर्श मानते हैं. उनकी नेतृत्व शैली और जनता को संबोधित करने का तरीका भी ट्रंप की तरह आक्रामक और प्रत्यक्ष है.
इस चुनाव में सनसैटो ने विशेष रूप से युवा और असंतुष्ट जापानी मतदाताओं का ध्यान आकर्षित किया है, जो सामाजिक और आर्थिक दबावों से नाराज हैं. यह ट्रंप की तरह उनकी पॉपुलिस्ट अपील को दर्शाता है.
कैसे शुरू हुई सैनसेटो पार्टी?
सैनसेटो की स्थापना 2020 में हुई थी और यह मूल रूप से एक यूट्यूब पर शुरू हुई पार्टी थी. लेकिन सिर्फ पांच साल में इसने जापान की मुख्यधारा की राजनीति में गरही पैठ कर 14 सीटें जीतकर असाधारण उपलब्धि हासिल की है.
बता दें कि 2022 तक सैनसेटो के पास पहले केवल एक सीट थी. 2025 में 14 सीटों तक पहुंचना इसकी लोकप्रियता में 14 गुना वृद्धि को दर्शाता है. यह एक नई पार्टी के लिए अभूतपूर्व है, खासकर जापान जैसे देश में जहां राजनीति में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) का दशकों से दबदबा रहा है.
सत्ताधारी LDP और उसके सहयोगी कोमेतो गठबंधन ने इस चुनाव में बहुमत खो दिया. LDP को केवल 39 सीटें मिलीं, जबकि बहुमत के लिए 50 नई सीटों की जरूरत थी.
कौन हैं सोहे कमिया?
पूर्व सुपरमार्केट मैनेजर और इंग्लिश टीचर रह चुके सोहे कमिया अपने पिता के बिजनेस से जुड़े रहे. लेकिन बाद में वह दिवालिया हो गए. उन्होंने कनाडा में पढ़ाई की और बाद में वह जापान की सत्तारूढ़ एलपीडी पार्टी से जुड़ गए. लेकिन वह पार्टी से असंतुष्ट थे. इस वजह से उन्होने 2020 में सैनसेटो की स्थापना की. शुरुआत में उन्होंने इंटरनेट के जरिए लोगों को पार्टी से जोड़ा और बाद में इसका विस्तार होता चला गया.
बता दें कि जापान में प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसके सहयोगी दल को ऊपरी सदन में बहुमत नहीं मिल पाया है. जापान के उच्च सदन में कुल 248 सीटें हैं. एलडीपी के गठबंधन के पास पहले से 75 सीटें थीं. बहुमत बनाए रखने के लिए उन्हें इस चुनाव में कम से कम 50 नई सीटों की जरूरत थी, लेकिन उन्हें केवल 47 सीटें ही मिल पाई हैं. इनमें से अकेले एलडीपी को 39 सीटें मिली हैं. यह पहला मौका है, जब पार्टी ने दोनों सदनों में बहुमत खो दिया है. फिलहाल ऊपरी सदन में किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है.
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