New GST Slab: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में बड़ी कटौती की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि नए टैक्स स्लैब को मंजूरी मिलने से आम आदमी को बहुत फायदा होगा. जीएसटी परिषद ने 5% और 18% की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दे दी है.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, नया जीएसटी स्लैब 22 सितंबर से लागू होगा. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "आम आदमी और मध्यम वर्ग की वस्तुओं के लिए, 18% और 12% से पूरी तरह से कटौती करके 5% कर दिया गया है. हेयर ऑयल, टॉयलेट, साबुन, शैम्पू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, टेबलवेयर, किचनवेयर और अन्य घरेलू सामान अब 5% पर हैं. इस बीच आइए जानते हैं कि क्या स्कूल की किताबों, पेन, पेंसिल, नोटबुक, रबड़, शार्पनर आदि स्टेशनरी आइटम सस्ते होंगे या नहीं.
इन आइटम पर 12 से शून्य हुआ टैक्स
GST के नए स्लैब में सबसे बड़ी राहत कॉपी, एक्सरसाइज बुक, ग्राफ बुक और लैब नोटबुक और नोटबुक खरीदने वालों को राहत मिलने वाली है.पुरानी टैक्स स्लैब को देखा जाए तो इन्हें खरीदने के लिए 12 प्रतिशत टैक्स देना होता था लेकिन अब यह शून्य कर दिया गया है. कॉपी, एक्सरसाइज बुक, ग्राफ बुक और लैब नोटबुक और नोटबुक खरीदने पर अब ग्राहकों को GST नहीं देना होगा.
इसके अलावा पेंसिल और शार्पनर पर भी पहले कस्टमर को 12 प्रतिशत टैक्स जीएसटी देना होता है लेकिन अब इसमें पूरी तरह छूट दी गई है. पेसिंल और शार्पनर का इस्तेमाल छोटे बच्चे ज्यादा करते हैं, ऐसे में उन माता-पिता का खर्चा बचेगा जिनके बच्चे छोटे और स्कूल में पढ़ाई करते हैं.
इन आइटम्स पर 12 से 5 हुआ टैक्स
अगर आप पढ़ाई के लिए मैथमैटिकल बॉक्स, ज्योमेट्री बॉक्स और कलर बॉक्स का इस्तेमाल करते हैं तो नया जीएसटी स्लैब आपके लिए भी बचत लेकर आया है. इन आइटम्स पर पहले 12 % जीएसटी देना होता था लेकिन अब कस्टमर को मैथमैटिकल बॉक्स, ज्योमेट्री बॉक्स और कलर बॉक्स खरीदने पर बस 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा. बच्चे अब ज्योमेट्री बॉक्स और रंग भरने वाली सामग्री पहले से कम दाम में खरीद पाएंगे.
स्कूल में स्टूडेंट्स स्टेशनरी वाले बॉक्स, पाउच और वॉलेट लेकर जाते हैं, जिनमें वे पेन, पेंसिल आदि छोटे-छोटे सामान रखते हैं. अब इन्हें खरीदने पर भी सरकार ने टैक्स में छूट दी है. पहले इन पर 12% जीएसटी था, लेकिन अब इन्हें 5% पर लाया गया है. यानी स्कूल बैग में इस्तेमाल होने वाले ये पाउच और स्टेशनरी सेट अब सस्ते होंगे.
साथ ही पेंसिल, क्रेओन जो आर्ट में इस्तेमाल किए जाते हैं, चारकोल स्टिक, जो स्केचिंग और ड्रॉइंग के लिए इस्तेमाल होती है, चारकोल स्टिक, जो स्केचिंग और ड्रॉइंग के लिए इस्तेमाल होती है और ब्लैकबोर्ड वाली चॉक सस्ती होने वाली हैं. इनपर लगने वाले जीएसटी शून्य कर दिया गया है.
सबसे बड़ा बदलाव नोटबुक्स में इस्तेमाल होने वाले पेपर (अनकोटेड पेपर/पेपरबोर्ड) को लेकर किया गया है. पहले इनपर ग्राहक को 18% टैक्स देना पड़ता था, लेकिन अब इसे घटाकर 12% तय किया गया गहै. इसका असर कॉपी और किताबों की प्रिंटिंग लागत पर पड़ेगा और लंबे समय में स्कूल की पढ़ाई का कुल खर्च घटेगा. देखा जाए तो अब स्कूल की कॉपियां, किताबें, पेंसिल, रबर, ज्योमेट्री बॉक्स और दूसरी ज़रूरी स्टेशनरी पहले से सस्ती होंगी और इससे माता-पिता की बचत होगी.
क्या स्कूल में फीस में होगा कोई बदलाव?
नए जीएसटी स्लैब आने के बाद स्कूल फीस की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी कि प्राइमरी एजुकेशन पर को अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा लेकिन हायर एजुकेन, प्रोफेशनल कोचिंग और ऑनलाइन कोर्सेस पर अभी भी 18 प्रतिशत जीसएटी लगेगा.
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