क्या आप भी बढ़ते बेली फैट से से परेशान हैं? ये 5 कारण हो सकते हैं जिम्मेदार

2 days ago 1

बेली फैट सिर्फ पर्सनालिटी खराब नहीं करता, बल्कि  हमारे शरीर के अंदर क्या हो रहा है, इसके बारे में भी बहुत कुछ बताता है. बहुत से लोग इसे सिर्फ जेनेटिक्स और  उम्र का दोष मान लेते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इसके पीछे हमारी ही लापरवाही होती है, जिनकी वजह से फैट खासतौर पर पेट के चारों ओर जमा होने लगता है. हाल ही में, MBBS डॉ. आलोक चोपड़ा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया है कि बेली फैट बढ़ना भारतीयों में आम हो गया है. लेकिन यह आपकी हेल्थ के लिए सही नहीं है. उन्होंने बेली पैट बढ़ने के 5 ऐसे कारण बताए है, जिन्हें हम भारतीय अक्सर इग्नोर कर देते हैं.

कार्ब्स से भरपूर खाना

'भारतीय अपने दिन की शुरुआत ब्रेड से करते हैं, दोपहर में चावल खाते हैं और रात में रोटी. हमें पता भी नहीं चलता कि इतनी ज्यादा कार्ब्स शरीर में जा रही हैं. शरीर जरूरत से ज्यादा कार्ब्स को ग्लूकोज में बदल देता है. लेकिन अगर यह ग्लूकोज बर्न नहीं होता तो यह पेट के आस-पास जमा हो जाता है. यह पैटर्न भारतीय घरों में नॉर्मल लगता है, लेकिन शरीर इसे ओवरईटिंग मानता है.'

स्ट्रेस और नींद की कमी

स्ट्रेस हमारे बॉडी केमिस्ट्री को बदल देता है. लंबे समय तक काम और नींद की कमी कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) रिलीज होता है. इसके कारण मूड तो खराब रहता ही है, साथ ही यह शरीर को फैट जमा करने का सिग्नल भी देता है, खासकर पेट के आस-पास. इसलिए हेल्दी खाना खाने के बावजूद, नींद न लेने या स्ट्रेस की वजह से बेली फैट बढ़ सकता है.'

स्लो वॉक

धीमी चाल से चलने से आप हेल्दी तो रह सकते हैं, लेकिन यह विसरल फैट को कम नहीं करता. डॉ. चोपड़ा कहते हैं कि लोग 20 साल से वही पार्क चलते हैं, लेकिन बेली फैट कम नहीं होता. फैट घटाने के लिए तेज चलना, जॉगिंग या साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करनी चाहिए. सिर्फ वॉक करने से बेली फैट कम नहीं होता.

प्रोसेस्ड फूड और डेयरी का ज्यादा सेवन

प्रोसेस्ड फूड में फाइबर कम और रिफाइंड अनाज ज्यादा होते हैं जो शरीर में शुगर की तरह काम करते हैं. इससे डाइजेशन स्लो होता है, क्रेविंग बढ़ती है और फैट जमा होता है. इसके साथ ही भारतीय अक्सर दूध, पनीर, दही जैसी चीजें दिन में कई बार खाते हैं, जिससे कैलोरी ज्यादा हो जाती है. डॉ. चोपड़ा कहते हैं कि डेयरी सिर्फ एक बार लें और फाइबर वाले अनाज, फल और सब्जियां ज्यादा खाएं, इससे डाइजेशन बेहतर रहेगा और बेली फैट भी कम होगा.

जेनेटिक्स

जेनेटिक्स तय करते हैं कि शरीर फैट कैसे जमा करता है, लेकिन लाइफस्टाइल तय करता है कि यह असर दिखेगा या नहीं. जिन परिवारों में लोगों का पेट बड़ा रहा है, वे अक्सर यह सोचकर हार मान लेते हैं कि ये तो उनके DNA में ही है. लेकिन रिसर्च बताती है कि सही डायट, स्ट्रेस कम करके और सही एक्सरसाइज से DNA का असर कम किया जा सकता है. यानी जेनेटिक्स सीर्फ कारण हो सकता है लेकिन आप इसे हेल्दी लाइफस्टाइल से मेंटेन कर सकते हैं.

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