क्या आप भी लेते हैं खर्राटे? जानें कारण और इससे बचने के उपाय

1 week ago 1

सोते समय कई लोगों की खरार्टे लेने की आदत होती है. इससे न सिर्फ खर्राटे लेने वाले की नींद खराब होती है बल्कि यह दूसरों लोगों के लिए भी परेशानी का कारण बन जाता है. ज्यादातर लोग इसे मामूली समझकर इग्नोर कर देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि खर्राटे स्लीप एपनिया जैसी गंभीर बीमारी का कारण भी हो सकते हैं? ऐसे में चलिए जानते हैं एक्सपर्ट से क्या है खर्रोटे का कारण और इससे कैसे बचने के लिए क्या करना चाहिए.

नाक जाम हो जाने के कारण

सोते समय एलर्जी, सर्दी या नाक की हड्डी टेढ़ी होने के कारण कई लोगों की नाक जाम हो जाती है. जिसके कारण लोग नाक से सांस लेने के बजाए मुंह से सांस लेने लगते हैं, जो खर्राटों का कारण बनता है. ऐसे में अगर आपको सर्दी है तो सोने से पहले नाक को अच्छी तरह से साफ करें.

जॉ लाइन पोजीशन

नीचे का जॉ लाइन चौड़ा न होने पर भी खर्राटे आ सकते हैं. दरअसल,  जॉ लाइन चौड़ा न होने के कारण सोते समय एयरवे बंद हो जाता है. ऐसे में इससे बचने के लिए आप करवट लेकर सो सकते हैं या मैंडिबुलर एडवांसमेंट डिवाइस(MAD) की मदद ले सकते हैं.

पतली या लंबी जीभ

कमजोर जीभ या फिर बड़े जीभ के कारण जी सोते समय खर्रोटे आ सकते हैं. दरअसल, ऐसी जीभ सोते समय पीछे की और चली जाती है, जिससे खर्राटे की समस्या हो सकती है. ऐसे में खर्राटे से बचने के लिए टंग पुस-अप्स और जीभ की स्ट्रेचिंग कर सकते हैं.

तालू का झुकना

ज्यादा सॉफ्ट तालू होने पर भी खर्राटे आ सकते हैं. लम्बा और सॉफ्ट तालू सांस में कम्पन पैदा करता है. ऐसे में खर्रोटे से बचने के लिए आप सिंगिंग कर सकते हैं, गुब्बार फुला सकते हैं या जॉ लाइन एक्सरसाइज कर सकते हैं.

 गले की मसल्स ढीली होने पर

उम्र बढ़ने, मोटापा या ज्यादा शराब के कारण भी गले की मसल्स ढीली हो जाती है. ऐसे में इससे बचने के लिए ब्रीदिंग और वोकल एक्सरसाइज कर सकते हैं.

माउथ टेप की मदद ले सकते हैं

जिन लोगों की मुंह से सांस लेने की आदत है, वो इससे बचने के लिए हाइपोअलर्जेनिक टेप (माउथ टेप) का यूज कर सक हैं. इससे नाक से सांस लेने की आदत बनती है.

इसके अलावा खर्राटों से बचने के लिए वजन कंट्रोल रखें, नाक की साफ-सफाई का ध्यान रखें, जॉ लाइन एक्सरसाइज करें और हेल्दी लाइफस्टाइ अपनाएं.

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