पाकिस्तान की राजनीति में इन दिनों एक नई बहस छिड़ी हुई है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पर इस्तीफा देने का दबाव है और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर राष्ट्रपति बनना चाहते हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है.
पाकिस्तान के पीएम शरीफ शुक्रवार को ‘द न्यूज’ मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, "फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने कभी भी राष्ट्रपति बनने की इच्छा नहीं जताई है और न ही इस तरह की कोई योजना बनाई गई है." उन्होंने आगे कहा कि उनके, जरदारी और मुनीर के बीच आपसी सम्मान और पाकिस्तान की तरक्की के लक्ष्य पर आधारित मजबूत संबंध हैं.
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पाकिस्तान के मंत्री ने 'विदेशी ताकतों' पर लगाया आरोप
शहबाज शरीफ की तरफ से यह स्पष्टीकरण उस समय आया है जब देश के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गुरुवार को एक्स पर बयान देते हुए कहा था कि जरदारी, शरीफ और मुनीर के खिलाफ जो 'दुष्प्रचार अभियान' चलाया जा रहा है, उसके पीछे कुछ दुश्मन विदेशी ताकतों का हाथ है.
नकवी ने कहा, "हम जानते हैं कि इस झूठे अभियान के पीछे कौन है. मैंने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रपति से इस्तीफा देने की कोई बात नहीं हुई है और न ही COAS (सेना प्रमुख) के राष्ट्रपति बनने की कोई योजना है." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ विदेशी एजेंसियों के सहयोग से इस तरह की साजिशें रची जा रही हैं ताकि पाकिस्तान को अस्थिर किया जा सके.
मुनीर और जरदारी का कार्यकाल
जनरल आसिम मुनीर को 2022 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में सरकार ने उनका कार्यकाल बढ़ाकर पांच साल कर दिया. जरदारी को भी पिछले साल ही पांच साल के कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बनाया गया था. उन्हें यह पद शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाने में समर्थन देने के बदले मिला था.
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प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद फिलहाल इन अटकलों पर विराम लग गया है, लेकिन पाकिस्तान की राजनीतिक सरगर्मियों में हालात कितने स्थिर रहेंगे, यह आने वाला वक्त बताएगा.
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