गाजा पट्टी एक बार फिर लहूलुहान है. आधी रात से अब तक इजरायली हमलों में 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. गाजा शहर के एक विस्थापन केंद्र पर हुए हमले में 22 लोग मारे गए, जिनमें मासूम बच्चे भी शामिल हैं. इस तबाही की गूंज अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक जा पहुंची है. ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने इजरायल के साथ चल रही व्यापार समझौते की वार्ता रोक दी है. इसके साथ ही लंदन स्थित इजरायली राजदूत को तलब किया गया है.
फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी वफा की रिपोर्ट के अनुसार, एक समूह ने फिलिस्तीनी गांव बेतिल्लू पर हमला किया, जिसमें कम से कम तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इजरायली सेना के संरक्षण में बसने वालों ने गांव के कई घरों पर हमला किया. उसके निवासियों पर गोलियां चलाईं. इस बीच इजरायली सैनिकों ने आंसू गैस के गोले दागे और हमले को रोकने की कोशिश करने वालों पर जबरदस्त हमला किया. इसमें बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं.
गाजा का ये हाल न होता यदि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 का वो हमला न किया होता. न ही गाजा मलबे के ढेर में तब्दील होता, यदि हमास इजरायल और दूसरे देशों के बंधकों को छोड़ देता. लेकिन अब जो हो रहा है, वो सिर्फ खून और मलबे की तस्वीरें दिखा रहा है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐलान कर दिया है कि अब इजरायली सेना पूरी गाजा पर नियंत्रण करेगी. गाजा अब इजरायली नियंत्रण में होगा, चाहे दूसरे देश कुछ भी कहें.
हमास पर ये भी आरोप है कि वो विदेशी मदद पर कब्जा कर आम फिलिस्तीनियों को भूखे मरने को छोड़ देता है. यही वजह है कि गाजा की सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग हमास के खिलाफ नारे लगा रहे हैं. नेतन्याहू का कहना है कि उनका मिशन साफ है. हमास को पूरी तरह तबाह करना है. अब भी गाजा की सुरंगों में फंसे 58 बंधकों को छुड़ाना और इसके लिए स्थानीय लोगों की मदद जरूरी है. इसीलिए इजरायल अब चुनिंदा इलाकों में राहत सामग्री भेजने लगा है.
ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा इजरायल की इस कार्रवाई से नाखुश हैं. उन्होंने इजरायल पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इसके जवाब में नेतन्याहू ने ट्वीट कर इन देशों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, "यूके, कनाडा और फ्रांस जैसी सरकारें यदि इजरायल से हमास के खिलाफ 'रक्षात्मक युद्ध' रोकने और फिलिस्तीनी राज्य की मांग करती हैं, तो वो 7 अक्टूबर के हमले को बढ़ावा दे रही हैं." नेतन्याहू अब डोनाल्ड ट्रंप के गाजा प्लान को भी खुला समर्थन दे रहे हैं.
ट्रंप ने कहा था कि गाजा को "फ्रीडम ज़ोन" बनाया जाएगा यानी हमास से पूरी तरह मुक्त इलाका. इस बीच इजरायली सेना का ऑपरेशन तेज हो गया है. आईडीएफ अब दक्षिणी गाजा की ओर बढ़ रही है. कहा जा रहा था कि ऑपरेशन का मकसद बंधकों को छुड़ाना है, लेकिन अब रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं कि असली टारगेट खान यूनुस और राफा में बचे हमास कमांडर हैं. लेकिन इस पूरी जंग का सबसे बड़ा शिकार बना है गाजा का आम नागरिक.