ब्रिटेन के इस फैसले के बाद इजरायली विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से जारी बयान में इजरायली विदेश मंत्रालय ने कहा, 'ब्रिटेन की मौजूदा सरकार पहले से ही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को आगे नहीं बढ़ा रही थी. यह समझौता दोनों देशों के हित में होता, लेकिन यदि ब्रिटिश सरकार अपनी घरेलू राजनीति और इजरायल-विरोधी जुनून के चलते अपने ही आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाना चाहती है, तो यह उसका फैसला है.'
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ब्रिटेन और इजरायल के बीच बढ़ा तनाव
ब्रिटेन और इजरायल के बीच तनाव बढ़ गया है. ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने शनिवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए वेस्ट बैंक में इजरायली कब्जाधारियों (सेटलर्स) पर प्रतिबंध लगाने और इजरायल के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) की वार्ता को स्थगित करने की घोषणा की.
डेविड लैमी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नेतन्याहू, इस नाकेबंदी को अब खत्म करें. हम मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते रहेंगे.' साथ ही उन्होंने गाजा में इजरायल की ओर से शुरू किए गए नए और बड़े पैमाने के जमीनी अभियान पर भी आपत्ति जताई.
इजरायली विदेश मंत्रालय ने जताई नाराजगी
ब्रिटेन के इस फैसले के बाद इजरायली विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से जारी बयान में इजरायली विदेश मंत्रालय ने कहा, 'ब्रिटेन की मौजूदा सरकार पहले से ही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को आगे नहीं बढ़ा रही थी. यह समझौता दोनों देशों के हित में होता, लेकिन यदि ब्रिटिश सरकार अपनी घरेलू राजनीति और इजरायल-विरोधी जुनून के चलते अपने ही आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाना चाहती है, तो यह उसका फैसला है.'
'ब्रिटिश मैंडेट 77 साल पहले खत्म हो गया'
इजरायल ने कहा कि ऐसे वक्त पर जब 'इजरायल फिलिस्तीनी आतंकी हमले में मारी गई नागरिक तजीला गेज़ के शोक में है, जूडिया और सामरिया (वेस्ट बैंक) के निवासियों पर प्रतिबंध लगाना अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है'. मंत्रालय ने बताया कि तजीला की हत्या उस वक्त हुई जब वह प्रसव के लिए अस्पताल जा रही थी, और अब डॉक्टर उसके नवजात शिशु को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
इजरायल ने ब्रिटिश उपनिवेश काल की याद दिलाते हुए कहा, 'ब्रिटिश मैंडेट आज से ठीक 77 साल पहले खत्म हो गया था. बाहरी दबाव इजरायल को अपनी सुरक्षा और अस्तित्व की रक्षा के रास्ते से नहीं डिगा सकता.'