उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मदरसा शिक्षा में व्यापक सुधार ला रही है. यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 में संशोधन कर कक्षा 10 तक हिंदी, अंग्रेजी, कंप्यूटर और विज्ञान को अनिवार्य किया जाएगा. यह कदम 13,329 मदरसों के 12 लाख से अधिक छात्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.
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यूपी के मदरसों में शिक्षा का नया दौर, अब अनिवार्य होंगे हिंदी, विज्ञान और कंप्यूटर (फोटो क्रेडिट- पीटीआई)
उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. योगी सरकार प्रदेश में मदरसा शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए बड़े बदलाव लाने की योजना बना रही है. नई योजना के तहत यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 में संशोधन प्रस्तावित है. जिससे आने वाले समय में मदरसों की शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकेगा.
प्रस्तावित सुधारों की मुख्य बातें क्या है?
- कक्षा 10 तक हिंदी और अंग्रेजी अनिवार्य विषय होंगे.
- सभी मान्यता प्राप्त मदरसों में विज्ञान और कंप्यूटर लैब्स अनिवार्य किए जाएंगे.
- कक्षा 1 से 3 तक एनसीईआरटी (एनसीईआरटी) और कक्षा 4 से 8 तक एससीईआरटी (एससीईआरटी) का सिलेबस लागू होगा.
- कक्षा 12 में खेती, वाणिज्य और खेल-क्रीड़ा शिक्षा को शामिल किया जाएगा.
मदरसों को बुनियादी ढांचे की न्यूनतम शर्तें क्या पूरी करनी होंगी?
नए प्रस्ताव के अनुसार, मदरसों को बुनियादी ढांचे की न्यूनतम शर्तें पूरी करनी होंगी. जैसे - बच्चों के पढ़ाई के लिए पर्याप्त कक्षा, पीने के पानी की बेहतर सुविधा, लाइब्रेरी और बेहतर फर्नीचर.
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यूपी मदरसा बोर्ड सभी छात्रों के मार्कशीट डिजिटल की जाएंगी, जिससे पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी.
सरकार शिक्षकों के लिए एक खास शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेगी. ताकि शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकों से लैस किया जा सके.
मदरसा को लेकर यूपी में क्या है स्थिति?
वर्तमान में यूपी में कुल 13,229 मान्यता प्राप्त मदरसा हैं. जिनमें लगभग 12 लाख 35 हजार छात्र-छात्रा पढ़ाई करते हैं. इस नए प्रस्ताव से मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा के स्तर से जोड़ा जाएगा. ताकि छात्रों के विकास को बढ़ावा मिलेगा.