Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर को भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने वाला है. यह साल 2025 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण होगा. इस ग्रहण का का समय रात 09 बजकर 58 मिनट से लेकर रात 01.26 मिनट बताया जा रहा है. यानी ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट की होगी. इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर को 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो जाएगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंद्र ग्रहण के सूतक में खाना-पीना, पूजा करना या मंदिर जाना वर्जित है. इसलिए सूतक में मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं. मंदिरों के कपाट ग्रहण खत्म होने के बाद ही खुलते हैं. सूतक लगने से ग्रहण समाप्त होने तक देवी-देवताओं की प्रतिमा को स्पर्श नहीं करते हैं.
इसके अलावा सूतक काल समय खाना-पीने की चीजों से भी परहेज करने की सलाह दी जाती है. इतना ही नहीं, घर में पके हुए भोजन में भी सूतक से पहले ही तुलसी दल डालकर रख दिए जाते हैं, ताकि ग्रहण का अशुभ प्रभाव उस पर न पड़े. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूतक के यह नियम कुछ लोगों पर समान रूप से लागू नहीं होते हैं. कुछ लोगों को सूतक में विशेष छूट मिलती है.
सूतक काल के समय गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से छूट दी जाती है. ऐसे लोगों को दिन भर खाने-पीने की छूट होती है. इसका मतलब है कि उन्हें भूखे रहने या कोई विशेष प्रतिबंध का पालन करने की जरूरत नहीं होती है. आमतौर पर ग्रहण के समय लोग हल्का भोजन करते हैं या कुछ लोग उपवास रखते हैं. लेकिन गर्भवती, बच्चे और बुजुर्गों को ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है. सूतक के दौरान इन सभी को स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सामान्य दिनों की तरह ही आहार ग्रहण करना चाहिए.
दरअसल, गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और बुजुर्ग शारीरिक रूप से अधिक संवेदनशील होते हैं. ग्रहण के समय उपवास या खान-पान से परहेज उनके शरीर पर बुरा प्रभाव डाल सकता है. इसलिए उन्हें खाने-पीने की छूट दी जाती है, ताकि उनकी ऊर्जा और पोषण को नियंत्रित रखा जा सके.
बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं का सूतक कितने बजे?
चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12.57 बजे शुरू होगा. लेकिन यह सूतक तीन लोगों पर लागू नहीं होगा. इस सूतक में बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को विशेष छूट रहेगी. ऐसे में 7 सितंबर को इनका सूतक शाम 6 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगा. चंद्र ग्रहण के साथ ही सूतक भी समाप्त होगा.
ग्रहण के दौरान गर्भवति महिलाओं को क्या करना चाहिए
हिंदू मान्यता के अनुसार, चंद्र ग्रहण समाप्त होने पर गर्भवती महिलाओं को स्नान करना चाहिए. इसके बाद भगवान की पूजा और ध्यान करके स्वस्थ संतान की कामना करनी चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान और ध्यान करने के पश्चात घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. गर्भवती महिलाओं के लिए गंगाजल में तुलसी पत्र मिलाकर ग्रहण करना भी शुभ माना जाता है. ग्रहण समाप्त होने पर स्नान और पूजा के बाद किसी जरूरतमंद को दान देना चाहिए. ग्रहण के समय दिया गया दान दोषों को दूर करता है और जीवन में शुभता व मंगल का संचार करता है.
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