उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नजदीक स्थित श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. जमीन अतिक्रमण की शिकायतों के बाद राजस्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए गए.
पशुपालन लैब और गोदाम जमींदोज
जांच में पाया गया कि विश्वविद्यालय ने सरकारी जमीन पर पशुपालन प्रयोगशाला और कई बड़े गोदाम बना लिए थे. प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में शाम 4:30 बजे कार्रवाई शुरू हुई और बुलडोजरों ने एक-एक कर अवैध ढांचे गिरा दिए.
छह बीघा सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप
राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने करीब छह बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ था. इसमें नाला, तालाब, बंजर भूमि और सार्वजनिक रास्ते की जमीन भी शामिल थी. तहसीलदार की अदालत ने इस पर 27.96 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और 30 दिन में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था.
छात्रों और प्रशासन में टकराव
कार्रवाई से पहले यूनिवर्सिटी परिसर में माहौल तनावपूर्ण हो गया था. बीते दिनों छात्रों और प्रशासन के बीच टकराव के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई ABVP कार्यकर्ता घायल हुए थे. इस घटना ने विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं तक की आलोचना बटोरी.
बिना मंजूरी चल रहा था लॉ कोर्स
इसी बीच विश्वविद्यालय पर एक और गंभीर आरोप लगा है. उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा आयोग ने विश्वविद्यालय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. आरोप है कि संस्थान पिछले तीन सालों से बिना अनुमति कानून की पढ़ाई करवा रहा था.
छात्रों का भविष्य दांव पर
शिकायत के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 और 2024-25 में छात्रों का दाखिला लिया, परीक्षाएं भी कराईं और अब 2025-26 के लिए रजिस्ट्रेशन कर रही थी. आयोग का कहना है कि यह उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 का उल्लंघन है और छात्रों के भविष्य को खतरे में डालता है.
केस दर्ज
एफआईआर में विश्वविद्यालय प्रबंधन पर धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. आयोग के अतिरिक्त सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि सख्त कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है.
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