बिहार की राजनीति में इन दिनों विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की मुलाकात के चर्चे आम हैं. नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड में पड़ने वाले पांडेय गंगौट गांव में शहीद मनीष कुमार को श्रद्धांजलि देने पहुंचे दोनों नेताओं की मुलाकात ने चुनावी साल में सियासी रंग ले लिया. तेजस्वी और चिराग के बीच जिस तरह की गर्मजोशी दिखी, उससे नए समीकरणों की आहट के चर्चे भी तेज हो गए. इसे लेकर अब दोनों ही नेताओं की पार्टियों के बयान आ गए हैं.
चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेंद्र कुमार मुन्ना ने कहा है कि नीतियों पर भले ही विरोध हो, लेकिन दोनों नेताओं (चिराग और तेजस्वी) के व्यक्तिगत रिश्ते बहुत अच्छे हैं. चिराग पासवान और तेजस्वी यादव के बीच बड़े और छोटे भाई का रिश्ता है. उन्होंने कहा कि चिराग और तेजस्वी, दोनों ही बिहार में अगली पीढ़ी के नेता हैं. चिराग पासवान और तेजस्वी यादव की मुलाकात को लेकर मुन्ना ने कहा कि दोनों की मुलाकात शहीद के घर हुई, वह जगह भी निष्पक्ष है. वहां कोई सत्ता पक्ष और विपक्ष नहीं है.
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वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि शहीद के घर पर तेजस्वी यादव और चिराग पासवान की मुलाकात हुई. उन्होंने कहा कि दोनों ही युवा हैं और दोनों के पिता मित्र रहे हैं. चिराग पासवान जिस गठबंधन में हैं, उसकी सरकार की वजह से बिहार की दुर्दशा है. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह बात चिराग पासवान भी जानते हैं. चिराग पासवान को बिहार का दर्द सता रहा है, इसीलिए वह अब कह रहे हैं कि बिहार आना चाहते हैं. चिराग पासवान को बिहार आना चाहिए.
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उन्होंने आगे कहा कि बेहतर बिहार के लिए चिराग पासवान को लड़ाई लड़नी चाहिए. उन्हें चाहिए कि केंद्र में मंत्री की कुर्सी को लात मार दें. गौरतलब है कि एक दिन पहले बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पांडेय गंगौट गांव में शहीद मनीष को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. तेजस्वी श्रद्धांजलि देकर लौट रहे थे कि वहां चिराग पासवान भी पहुंच गए. लंबे अरसे बाद हुई इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता गर्मजोशी से मिले. दोनों ने हाथ मिलाया और एक-दूसरे को गले लगाया, हालचाल लिया. बिहार में अक्टूबर-नवंबर तक विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में दोनों नेताओं की अचानक हुई इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जाने लगे.